Air pollution: वायू प्रदूषण मानव जीवन के लिए खतरा बन कर उभर रहा है। हवा में घुले विषैले कण (toxic particles) मानव जीवन के स्वास्थ्य को नुकसान पहंचा रहे है। खबरों के अनुसार,डब्ल्यूएचओ (WHO) ने 22 सितंबर को कहा कि वायु प्रदूषण (Air Pollution) अब मानव जीवन के लिए सबसे बड़े पर्यावरणीय खतरों में से एक है, जिससे हर साल 70 लाख लोगों की अकाल मृत्यु होती है। संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने यह भी कहा कि तत्काल कार्रवाई की जरूरत को पहचानने के बाद वह अपने वायु गुणवत्ता दिशानिर्देशों को मजबूत कर रही है।
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अब वायु प्रदूषण (Air Pollution)को धूम्रपान या अस्वास्थ्यकारी आहार के बराबर माना है। नतीजतन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। संगठन का दावा है कि इससे लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है।
खबरों के अनुसार, नए दिशानिर्देश ‘लाखों लोगों की जान बचा सकते हैं’ नए दिशानिर्देश ओजोन, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड समेत पदार्थों पर लागू होते हैं। डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा, “डब्ल्यूएचओ ने लगभग सभी वायु गुणवत्ता दिशानिर्देश स्तरों को नीचे की ओर समायोजित किया है।
विश्व स्वास्थ्य सगठंन के अनुसार दुनिया के बड़े हिस्से में वायु प्रदूषण का प्रभाव देखने को मिल रहा है जिसके कारण लोग प्रदूषित दवा में रहने को मजबूर हो रहे हैं। डब्ल्यूएचओ यूरोप कार्यक्रम प्रबंधक डोरोटा जारोसिंस्का ने कहा कि वायु प्रदूषण (Air Pollution) के संपर्क में आने से 70 लाख लोगों की मृत्यु होने और हर साल लाखों लोगों के स्वास्थ्य के प्रभावित होने की संभावना है।