लखनऊ। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (PSP) प्रमुख शिवपाल यादव सिंह (Shivpal Yadav Singh) भले ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को यूपी का मुख्यमंत्री बनाने के लिए लोगों से वोट मांग रहे हैं, लेकिन लगभग हर सभा में अब उनके दिल का दर्द जुबां पर आ ही जा रहा है। पार्टी कुर्बान करने के बावजूद महज एक सीट मिलने पर शिवपाल यादव सिंह (Shivpal Yadav Singh) कहते हैं, कि उन्होंने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के कहने पर सपा से गठबंधन किया, लेकिन उन्हें महज एक सीट मिला। अब इसके बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का बड़ा बयान सामने आया है।
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अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से जब एक टीवी चैनल ने शिवपाल के दर्द पर सवाल किया, तो उन्होंने बड़ी बेबाकी जिताऊ उम्मीदवारों को टिकट देने की बात कही। यादव ने कहा कि यह समय इस बात की चर्चा का नहीं है कि कौन कितना सीट पाया है? समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने उनको प्रत्याशी बनाने की कोशिश की है, जिनको जीत हासिल हो सके। यादव ने कहा कि इस बार बड़े पैमाने पर जीत होने जा रही है। अखिलेश यादव ने एक तरह से इशारा कर दिया है कि शिवपाल गलत समय पर यह मुद्दा उठा रहे हैं तो उनकी ‘जिताऊ प्रत्याशी’ दलील से साफ है कि उनकी नजर में प्रसपा में शिवपाल यादव (Shivpal Yadav ) के अलावा कोई और जिताऊ उम्मीदवार नहीं था।
क्या कहा था शिवपाल यादव ने?
शिवपाल यादव (Shivpal Yadav ) ने कहा कि वह अपने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव (नेता जी) का बेहद सम्मान करते हैं और उन्हीं के कहने पर सपा गठबंधन का हिस्सा बने थे। उन्होंने कहा कि नेताजी कहते थे कि कम से कम 100 सीटें लेना, फिर बोले कम से कम से 200 सीटें लेना, लेकिन मैंने तो केवल 100 ही मांगी थी मगर उन्होंने (अखिलेश) ने कहा कि कुछ कम कर दो। पहले तो 65, फिर 45 और फिर 35 कर दी। फिर बोले यह भी ज्यादा है फिर मैंने कहा कि सर्वे करा लो, जितने भी हमारे जीतने वाले लोग हों, उन्हीं को टिकट दे दो । हम तो समझते थे कि कम से कम 20 या 25 लोगों को टिकट दे देंगे। हमारी सूची में सभी जीतने वाले लोग थे। उन्होंने कहा कि अगर हमारी मान ली होती तो इटावा सदर सीट पर कितना बढ़िया चुनाव होता। एकतरफा चुनाव होता लेकिन जब सूची निकली, तब केवल एक सीट मिली इसलिए हम चाहते है कि सबसे बड़ी जीत इस सीट पर उत्तर प्रदेश में होनी चाहिए।