Akshaya Tritiya 2024 Tithi : जीवन में पुष्य फल सदैव अक्षय बने रहे इसके लिए अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और मो लक्ष्मी कीआराधना बहुत पुनीत होता है। अक्षय का अर्थ है जिसका कभी क्षय न हो, या जो कभी नष्ट न हो । धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया को शुभ फल देने वाली तिथि माना गया है। इस दिन यदि शुभ कार्य किया जाए तो उसमें सफलता अवश्य प्राप्त होती है। मां लक्ष्मी अपना आशीर्वाद देती हैं और व्यक्ति को जीवन में कभी धन, दौलत और सुख-समृद्धि की कमी नहीं होती। अक्षय तृतीया हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि के दिन मनाई जाती है। भारतीय संस्कृति में लोग आमतौर पर अक्षय तृतीया पर एक नया व्यवसाय शुरू करते हैं या एक नया उद्यम शुरू करते हैं। यह शादियों की योजना बनाने के लिए सबसे लोकप्रिय दिनों में से एक है क्योंकि इस दिन की भावना उन्हें बहुत लंबी और संतुष्टिदायक जीवन यात्रा पर ले जाती है।
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अक्षय तृतीया का महत्व
अक्षय तृतीया को लेकर कई मान्यताएं है। इस दिन को भगवान परशुराम जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इतना ही नहीं इस दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम के अलावा विष्णु के नर और नारायण अवतार के भी इसी दिन होने की मान्यता है। यही नहीं, त्रेता युग का आरंभ भी इसी तिथि से होने की मान्यता जुड़ी हुई है।
अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया की तिथि 10 मई शुक्रवार को सुबह 4 बजकर 16 मिनट से शुरू होगी और इसका अंत 11 मई के दिन सुबह 2 बजकर 51 मिनट पर हो जाएगा। इसलिए इस साल अक्षय तृतीया 10 मई को मनाई जाएगी। 10 मई 2024 को अक्षय तृतीया के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 33 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।
अक्षय तृतीया पर आर्थिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां लक्ष्मी को केसर और हल्दी अर्पित करें। कहा जाता है कि इससे आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
इस दिन आप आम या अशोक के ताज़े पत्तों की बंधनवार घर के मेन गेट पर बांध दें।