नई दिल्ली। गांधीनगर लोकसभा सीट (Gandhinagar Lok Sabha Seat) से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) 7 लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की है। यह गुजरात के इतिहास में सबसे बड़े अंतर होने वाली जीत है। कांग्रेस पार्टी के टिकट पर सोनल पटेल ने उन्हें कड़ी टक्कर देने की कोशिश की।
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साल 2019 में इस लोकसभा सीट पर 66.08 फीसदी वोटिंग हुई थी। उस समय केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 8 लाख 94 हजार वोट पाकर एक तरफा चुनाव जीत गए थे। जबकि कांग्रेस के चतुरसिंह जावंजी चावड़ा 3 लाख 37 हजार वोट पाकर 5 लाख 57 हजार वोटों के रिकॉर्ड अंतर से चुनाव हार गए थे। बीजेपी की इस स्ट्रांग सीट पर कई बार बीजेपी के संस्थापक सदस्य लालकृष्ण आडवाणी भी इतने बड़े अंतर से जीत कर लोकसभा पहुंच चुके है।
भाजपा का गढ़ रहा गांधीनगर
साल 2014 के चुनाव में ही लालकृष्ण आडवाणी 7 लाख 73 हजार वोट पाकर 4 लाख 83 हजार वोटों से जीते थे। जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के किरीटभाई ईश्वरभाई पटेल महज 2 लाख 90 हजार वोटों में सिमट गए थे।
साल 2009 में कांग्रेस पार्टी ने एक बार जरूर लालकृष्ण आडवाणी को टक्कर देने की कोशिश की थी।उस समय लालकृष्ण आडवाणी को 4 लाख 34 हजार वोट मिले थे। वहीं, कांग्रेस के सुरेशकुमार चतुरदास पटेल ने भी उनका पीछा करते हुए 3 लाख 12 हजार वोट हासल किया. बावजूद इसके वह 1 लाख 21 हजार वोटों के अंतर से हार गए थे।
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गांधी नगर लोकसभा सीट का गठन साल 1965 के परिसीमन के दौरान हुआ। हालांकि इस सीट पर पहला चुनाव 1967 में हुआ। उस समय कांग्रेस पार्टी के सोमचंदभाई सोलंकी यहां से सांसद चुने गए और उन्होंने 1971 में भी अपनी जीत कायम रखी।
इसके बाद 1977 के चुनाव में यहां से जनता पार्टी के पुरुषोत्तम मावलंकर जीते. 1980 और 1984 में फिर यह सीट कांग्रेस पार्टी की झोली में गई. बीजेपी का यहां पहली बार 1989 में खाता खुला और शंकर सिंह वाघेला यहां से सांसद चुने गए थे।उसके बाद से यह सीट लगातार बीजेपी के ही पास रही। पहले लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी यहां से सांसद बने और अब अमित शाह लोकसभा में इस सीट से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. इस बार के चुनाव में भी वह इसी सीट से मैदान में हैं।