नई दिल्ली। अफगानिस्तान (Afghanistan) के कार्यकारी राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह (Amarullah Saleh) ने मंगलवार को पंजशीर के हालात पर मीडिया से खास बातचीत की है। सालेह ने कहा कि तालिबान (Taliban) जो दावा कर रहा है कि उसने पंजशीर (Panjshir) के कुछ हिस्से को अपने कब्जे में ले लिया है, वह बिल्कुल निराधार है। हम पूरी तरह कंट्रोल (Control) में हैं, पंजशीर (Panjshir) के लोगों का जोश पूरी तरह से हाई है।
पढ़ें :- Promotion of IAS officers : योगी सरकार ने 95 आईएएस अधिकारियों को दिया क्रिसमस गिफ्ट, 18 बने सचिव, पढ़िए लिस्ट
कार्यकारी राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह (Amarullah Saleh) ने कहा कि पंजशीर के लोग तालिबान के सामने झुकने के लिए तैयार नहीं हैं । हम हर तरह की बातचीत के लिए तैयार हैं, हम अपने इलाके में शांति चाहते हैं, लेकिन अगर तालिबान लड़ाई चाहता है, तो हम लड़ने के लिए भी तैयार हैं।
तालिबान जंग चाहेगा तो जंग होगी
अमरुल्ला सालेह (Amarullah Saleh) ने कहा कि अहमद मसूद (Ahmed Masood) इस वक्त अपने पिता की तरह तालिबान के खिलाफ लड़ रहे हैं, हर कोई उसके साथ खड़ा है। मैं भी यहां पर मौजूद हूं, हर कोई यहां पर एकजुट है। हमने सब कुछ तालिबान (Taliban) के ऊपर छोड़ दिया है, अगर वो जंग चाहेंगे तो जंग होगी और वो बातचीत चाहेंगे तो शांति के साथ बातचीत होगी।
स्थानीय हालात और भविष्य को लेकर अमरुल्ला सालेह ने कहा कि मौजूदा स्थिति काफी अजीब है, क्योंकि राष्ट्रपति समेत पूरी कैबिनेट देश छोड़कर चली गई है। राष्ट्रपति अशरफ गनी (President Ashraf Ghani) ने लोगों को धोखा दिया और वो देश से बाहर चले गए, लेकिन हमारा मोटो सिर्फ एक ही है। हम किसी तरह की तानाशाही बर्दाश्त नहीं (Dictatorship Not Tolerated)करेंगे।
पढ़ें :- अब BSNL, Jio, Airtel और Vi यूजर्स को हर सप्ताह सुनने को मिलेगी नई कॉलर ट्यून,DoT ने दिया ये आदेश
तालिबिस्तान नहीं बनने देंगे
अमरुल्ला सालेह (Amarullah Saleh) ने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारे लोगों को खुलकर जीने का मौका मिले, हम अफगानिस्तान (Afghanistan) को तालिबिस्तान नहीं बनना देना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि अफगानी लोगों को उनकी बात कहने का मौका मिले, ये सब तानाशाही में नहीं हो सकता है।
आपको बता दें कि अमरुल्ला सालेह भी इस वक्त पंजशीर में रुके हुए हैं, वह अहमद मसूद (Ahmed Masood) की अगुवाई में नॉर्दर्न एलायंस (Northern Alliance) के साथ मिलकर तालिबान के खिलाफ लड़ रहे हैं। अशरफ गनी के देश छोड़ने के बाद अमरुल्ला सालेह (Amarullah Saleh) ने खुद को कार्यकारी राष्ट्रपति घोषित किया है।