नई दिल्ली। प्रोग्रेसिव फाउन्डेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स, गांधीनगर, गुजरात के तरफ से विश्व पर्यावरण दिवस पर कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इन्डिया, नई दिल्ली में ग्लोबल वार्मिंग पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारम्भ राज्य सभा सांसद, स्वाती मालीवाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
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इस राष्ट्रीय सम्मेलन में लखनऊ से पधारी बहुमुखी प्रतिभा की धनी डॉ. अनीता सहगल वसुन्धरा की प्रथम कहानी संग्रह ‘नया सवेरा’ का विमोचन किया गया। यह संग्रह समाज और जीवन के विभिन्न पहलुओ को उजागर करता है। मानवीय संवेदनाओं को बारीकी से छूता है। इस अवसर पर पूर्व सांसद, गांधीनगर, गुजरात राजू भाई परमार ने कहा कि ‘नया सवेरा’ न केवल समाज के संघर्षों को प्रदर्षित करती है, बल्कि यह आशा और बदलाव की दिशा में प्रेरणा भी देती है। डॉ. अनीता सहगल के इस संग्रह में बेहद संवेदनशील विषयों को खूबसूरती से उकेरा है, जो हर पाठक के दिल को छूएगा।
प्रोग्रेसिव फाउन्डेशन के राष्ट्रीय महासचिव मुकेश पाण्डेय ने कहा ‘नया सवेरा’ उन कहानियों का संग्रह है, जो समाज के हर वर्ग को अपने साथ जोड़ने में सक्षम है। अनीजा जी का लेखन सरल, स्पष्ट और प्रभावी है। यह पुस्तक साहित्य जगत में एक महत्वपूर्ण योगदान साबित होगी। नरेश रावल, पूर्व गृह मंत्री, गुजरात सरकार ने कहा कि ‘नया सवेरा’ एक साहित्यिक कृति के रूप में समाज के बदलते परिवेश का सटीक प्रतिबिंब है। इसमें निहित कहानियां पाठकों को सोचने और जागरूक करने के लिये प्ररित करती है।
पूर्व सांसद, छत्तीसगढ़ प्रदीप गांधी ने पुस्तक की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह संग्रह न केवल कहानी कहने की कला को पुनः परिभाषित करता है, बल्कि मानवीय मूल्यों और सामाजिक मुद्दों पर गहरी दृष्टि भी प्रस्तुत करता है। विपिन गुप्ता ने कहा कि इस पुस्तक में जीवन की कठिनाइयों के साथ-साथ उम्मीद और नई शुरूआत का संदेश भी छिपा है। ‘नया सवेरा’ वास्तव में साहित्य के क्षेत्र में एक नई सुबह की तरह है।
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बतौर लेखिका डॉ. अनीता सहगल वसुन्धरा न केवल साहित्य की दुनिया में एक प्रतिष्ठित नाम है, बल्कि उनके बहुमुखी लेखन ने उन्हें एक अद्धितीय रूथान दिलाया है। उन्होंने विभिन्न विधाओं में अपनी कलम को साधा है, जिनमें कहानियां, पटकथा लेखन, कविताएं और सामजिक मुद्दों पर लेख प्रमुख है। उनके लेखन का उद्देश्य समाज में जागरूकता और सकारात्मक परिवर्तन लाना है। अनीता सहगल की लेखन यात्रा की शुरूआत विभिन्न राष्ट्रीय पत्रिकाओं में लेखन से हुई, जिनमें गृहशोभा, सरिता जैसी पत्रिकाएं प्रमुख हैं। उन्होंने अपने साहित्यिक योगदान के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों के अनुभवों और संधर्षों को शब्दों के माध्यम से जीवन्त किया है। उनके द्वारा लिखे गये गीत, कहानियां और कविताएं सामाजिक समस्याओं को उजागर करने के साथ-साथ मानीवीय मूल्यों को भी संजीवनी प्रदान करते हैं।
कार्यक्रम के उपरान्त पूर्व सांसद गुजरात राजू भाई परमार, पूर्व सांसद छत्तीसगढ़ प्रदीप गांधी तथा संस्था के राष्ट्रीय महासचिव मुकेश पाण्डेय द्वारा अनीता सहगल को अंगवस्त्रम के रूप में शाल उढ़ाकर एवं स्मृति चिन्ह देकर ‘ग्लोबल एम्बेसडर अवार्ड’ से सम्मानित किया गया।
संस्था के अध्यक्ष राकेश पाण्डेय ने अनीता सहगल की भूरि भूरि प्रसंशा की और उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामना दी। देश भर के बड़े-बड़े मंचो पर संचालन की जिम्मेदारी निभाने वाली तथा अपनी लेखनी से सभी का दिल जीतने वाली अनीता सहगल को लगभग 2000 से अधिक अवार्ड मिल चुके हैं, जिसमें मिसाइल मैन पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा अनीता सहगल का बेस्ट एंकर का खिताब शामिल है। अनीता अपनी सफलता का मूलमंत्र टाइम मैनेजमेन्ट को बताती है। इनका सपना है कि पूरी दुनिया मे संचालन ही उनके नाम का पर्याय बने।