Arvind Giri jeevan Parichay : यूपी (UP)के लखीमपुर खीरी जनपद (Lakhimpur Kheri District) के निर्वाचन क्षेत्र – 139, गोला गोकरननाथ सीट (Constituency – 139, Gola Gokarnath seat) से भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के टिकट पर अरविन्द गिरि 17वीं विधान सभा (17th Legislative Assembly) के सदस्य निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंचे हैं। अरविंद गिरी (Arvind Giri) भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के उम्मीदवार के रूप में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ा और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अपने करीबी उम्मीदवार विनय तिवारी (Vinay Tiwari) को 55,017 मतों के अंतर से हराकर चौथी बार विधायक बने थे। 2022 में भारतीय जनता पार्टी से पांचवीं बार विधायक निर्वाचित हुए थे।
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ये है पूरा सफरनामा
नाम-अरविन्द गिरि
निर्वाचन क्षेत्र – 139, गोला गोकरननाथ, लखीमपुर खीरी
दल – भारतीय जनता पार्टी
पिता का नाम- स्व0 राजेन्द्र गिरि
जन्म तिथि –30 जून, 1958
जन्म स्थान- गोला गोकरननाथ
धर्म- हिन्दू
जाति- पिछड़ी (गुसाई)
शिक्षा- स्नातक, बीपीएड
विवाह तिथि- 21 जून, 1991
पत्नी का नाम- सुधा गिरि
सन्तान- दो पुत्र, दो पुत्रियां
व्यवसाय- कृषि, अध्यापन
मुख्यावास : मो0-तीर्थगोला गोकरन नाथ, जिला- लखीमपुर-खीरी ।
विधायक अरविंद गिरि से दो मुकदमे वापस
8 जुलाई को 2020 को गोला विधायक अरविंद गिरि (Arvind Giri) के खिलाफ 14 सालों से चल रहे दो मुकदमों को वापस लेने की अर्जी अदालत मंजूर कर ली है। इसमें से एक मुकदमे में विधायक के खिलाफ गैर जमानतीय वारंट चल रहा था।
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गिरि पर वर्ष 2006 में किशनपुर सेंचुरी गेस्ट हाउस (Kishanpur Century Guest House) में तोड़फोड़ करने समेत कई आरोपों में वन विभाग ने मुकदमा दर्ज कराया था। इसके अलावा वर्ष 2007 में गोला के बड़े चौराहे पर जाम लगाने पर गोला में दर्ज कराए गए मुकदमा हुआ था। इन दोनों मुकदमों को वापस लेने का निर्देश शासन से सहायक शासकीय अधिवक्ता को मिला था। शासन की मंशा के अनुरूप एडीएम के निर्देश पर सहायक शासकीय अधिवक्ता कौशल किशोर ने इन दोनों मुकदमों को वापस लेने की अर्जी विशेष न्यायालय एडीजे थर्ड अरुण कुमार सिंह की कोर्ट में दाखिल की थी। इस अर्जी पर सुनवाई करने के बाद कोर्ट ने दोनों मुकदमों को वापस लेने की अनुमति देते हुए दोनों मुकदमों की कार्रवाई रोक दी।
अरविंद का राजनीतिक सफरनामा
1993 : छात्र जीवन से राजनीति में आए।
1994 : सपा की सदस्यता ग्रहण कर सक्रिय राजनीति की शुरुआत
1995 : रिकार्ड मतों से चुनाव जीतकर गोला पालिकाध्यक्ष बने
1996 : 13 वीं विधान सभा में सपा के टिकट पर पहली बार 49 हजार मत पाकर विधायक बने।
1998-1999 सदस्य, लोक लेखा समिति
2000 : दोबारा पालिका परिषद गोला के अध्यक्ष
2002 : सपा के टिकट पर 14वीं विधान सभा के दूसरी बार विधायक बने
2002-2003 सदस्य, प्राक्कलन समिति
2005 : सपा शासनकाल में अनुध वधू अनीता गिरि को जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित कराया
2007 : नगर पालिका परिषद गोला के अध्यक्ष पद पर पत्नी सुधा गिरि को जिताया
2007 : 58 हजार मत पाकर तीसरी बार पन्द्रहवीं विधान सभा में विधायक बने
2007-2009 सदस्य, अधिष्ठाता मण्डल
2008 सदस्य, प्रतिनिहित विधायन समिति
2007-2009 सदस्य, प्रदेश के स्थानीय निकायों के लेखा परीक्षा प्रतिवेदनों की
जांच सम्बन्धी समिति
मार्च, 2017: 17वीं विधान सभा के लिए भारतीय जनता पार्टी चौथी बार विधायक निर्वाचित हुए।