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Atique -Ashraf Murder Case : फरार शाइस्ता परवीन ने सीएम योगी को लिखा पत्र, कैबिनेट मंत्री और 2 पुलिस अधिकारियों पर लगाए गंभीर आरोप

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। यूपी (UP) में माफिया अतीक अहमद  (Atiq Ahmed)  व उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद एक पत्र वायरल हो रहा है। तब अतीक अहमद  (Atiq Ahmed)  ने सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath)  की तारीफ की और शाइस्ता परवीन (Shaista Parveen) ने तारीफों से भरा एक पत्र सीएम योगी (CM Yogi) को लिखा। अब माफिया की हत्या के बाद पत्र वाली फोटो सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल हो रही है। हालांकि pardaphash.com इस पत्र की पुष्टि नहीं करता है।

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सीएम योगी (CM Yogi) को लिखे पत्र में शाइस्ता परवीन (Shaista Parveen)  ने लिखा है कि मैंने टेलीविजन पर अपने शौहर पूर्व सांसद अतीक अहमद (Atiq Ahmed)   साहब का बयान सुना। उन्होंने आपको बहादुर, ईमानदार और मेहनती शख्स कहा।  बेशक उन्होंने ठीक ही कहा है क्योंकि मैं जानती हूं कि मेरे शौहर बहुत साफ बात करते हैं। अपने शौहर के बयान को सुनकर मेरा मन हुआ आपको पत्र लिखने का और आपसे मुलाकात का।

शाइस्ता परवीन (Shaista Parveen)  पत्र में लिखा है कि 24 फरवरी 2023 को एक अत्यंत दुखद एवं निंदनीय घटना में उमेश पाल व उनके पुलिस कर्मी की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। घटना में आरोपी मेरे पति अतीक अहमद जो 2019 से अहमदाबाद जेल में बंद हैं। मेरे देवर खालिद अजीम उर्फ अशरफ जो 2020 से बरेली जेल में बंद हैं। उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal murder case) में मुझको और मेरे पति, देवर अशरफ, जेल में बंद मेरे पुत्र अली और उमर के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। एक फुटेज के आधार पर मेरे बेटे अली को शूटर बताया गया है, जबकि यह आरोप बिल्कुल निराधार हैं।

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काबीना मंत्री ने महापौर पद अपने पास रखे रहने के लिए हम लोगों को चुनावों से दूर रखने की साजिश की

शाइस्ता परवीन (Shaista Parveen)  ने लिखा कि सत्यता ये है कि जब से बहुजन समाज पार्टी से मुझे प्रयागराज से महापौर का प्रत्याशी घोषित किया गया तबसे यहां के एक स्थानीय नेता आपकी सरकार में काबीना मंत्री ने महापौर पद अपने पास रखे रहने के लिए हम लोगों को चुनावों से दूर रखने की साजिश रचना शुरू कर दिया था और उसी साजिश के परिणाम स्वरूप एक ऐसे व्यक्ति की हत्या करवाई गई जिसकी हत्या का आरोप मेरे पति पर लगना अवश्यमभावी था।

 उमेश पाल हत्याकांड की निष्पक्ष जांच की मांग

आपको अवगत करवाना है कि उमेश पाल (Umesh Pal) राजूपाल हत्याकांड (Raju Pal murder case)में गवाह नहीं थे वो अपराध संख्या 270/2007 थाना धूमनगंज प्रयागराज में दर्ज करवाए गए अपहरण के मुकदमे के वादी थे, जिसमे उनकी गवाही 16 एवम 17 अगस्त 2016 को अदालत में दर्ज हो चुकी है। मेरे पति या मेरे देवर के पास उनकी हत्या करवाने का कोई मकसद नहीं था ये एक गंभीर राजनीतिक साजिश है, जिसका पर्दाफाश स्वतंत्र एवम निष्पक्ष जांच से ही संभव है। क्योंकि, प्रयागराज पुलिस पूरी तरह से आपके मंत्री के दबाव में काम कर रही है एवम मुकदमे में रिमांड के बहाने मेरे पति अतीक अहमद और मेरे देवर अशरफ को क्रमश अहमदाबाद जेल और बरेली जेल से बुलवाकर रास्ते में हत्या करवाने की साजिश है इसमें प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा एवम आईजी एसटीएफ अमिताभ यश जो कि अतीक अहमद के विरोधियों से उनकी हत्या की सुपारी बहुत पहले से लिए बैठे हैं।

वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी कराने की मांग

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आपके द्वारा मिट्टी में मिला देने वाले बयान से इन पुलिस अधिकारियों को मेरे पति और देवर की हत्या की साजिश को अंजाम देने का पूरी तरह से अवसर मिल गया है यदि आपने दखल नहीं दिया तो मेरे पति और देवर तथा पुत्रों की हत्या हो जायेगी। आपको सादर अवगत करवाना है कि उच्चतम न्यायालय में 23 अप्रैल 2019 को मेरे पति अतीक अहमद को गुजरात के ऐसे जेल में रखने का आदेश पारित किया है जहां वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा हो तब से मेरे पति के समस्त मुकदमों की कार्यवाही वीडियो कांफ्रेंसिंग से ही हो रही है। इस वर्तमान मुकदमा अपराध संख्या 114/2023 थाना धूमनगंज प्रयागराज में यदि न्यायिक अभिरक्षा की आवश्यकता है भी तो पूर्व की भांति मेरे पति और देवर तथा पुत्रों का न्यायिक अभिरक्षा वारंट ज़रिए वीडियो कांफ्रेंसिंग बनवाया जा सकता है।

कई कई साल से जेल में बंद व्यक्ति अपराध से संबंधित कोई सामग्री आला ए कल्ल व अन्य कोई चीज बरामद नहीं करवा सकता अगर साजिश के विषय में पूछताछ करनी है तो उसे जेल परिसर में भी पूछताछ की जा सकती है। शाइस्ता परवीन ने आगे लिखा कि अतः आपसे सादर ससम्मान प्रार्थना है कि उपरोक्त मुकदमा अपराध संख्या 114 सन 2023 धारा 147, 148, 149, 302, 307, 120बी, 506, 34 आईपीसी धारा 3 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 एवम 7 सीएलए एक्ट थाना धूमनगंज प्रयागराज की निष्पक्ष विवेचना सीबीआई द्वारा करवाने व किसी भी दशा में मेरे पति अतीक अहमद देवर खालिद अजीम उर्फ अशरफ व पुत्र मोहम्मद उमर व मोहम्मद अली अहमद को जेल से न निकालने समस्त न्यायिक कार्यवाही वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से करवाने अथवा जेल परिसर में ही करवाने व 24 फरवरी शाम से लगातार अवैध पुलिस अभिरक्षा में में निरुद्ध मेरे नाबालिग पुत्रों अहजम व आधान जो सेंट जोसेफ कालेज के कक्षा 12वीं व कक्षा नौ के छात्र है को अविलंब रिहा करने के लिए उचित आवश्यक एवम प्रभावी आदेश पारित करने की कृपा करें।

बता दें कि प्रयागराज में अतीक अहमद (Atiq Ahmed) की हत्या के बाद ये पत्र फिर से चर्चा में आया है। बीते साल ही अतीक अहमद (Atiq Ahmed) ने सीएम योगी (CM Yogi)  की तारीफ की थी, जिसका वीडियो भी काफी वायरल हुआ था।

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