पुरी: ओडिशा के पुरी में सोमवार को धूम धाम से भगवान जगन्नाथ यात्रा शुरू हो गई है। हिंदी पंचांग के अनुसार जगन्नाथ पुरी की रथ यात्रा हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को शुरू की जाती है। इस बार यह तिथि 12 जुलाई यानी आज है।आज जगन्नाथ पुरी की रथ यात्रा दोपहर बाद 3 बजे से शुरू होगी। कोरोना वायरस महामारी के चलते लगातार दूसरे साल बिना भक्तों के ही यह यात्रा हो रही है। जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि रथ यात्रा के दौरान सभी कोविड नियमों का पालन किया जाएगा। मंदिर प्रशासन के अनुसार जिन लोगों की कोविड रिपोर्ट नेगेटिव आएगी उन्हें ही रथ को खींचने दिया जाएगा। हिंदू धर्म में चारों धामों का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। इन्हीं चारों धामों में से एक जगन्नाथ धाम है। यात्रा का समापना 20 जुलाई को देवशयनी एकादशी के दिन होगा। धार्मिक दृष्टि से जगन्नाथ रथ यात्रा का विशेष महत्व है। भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा जिसे गुण्डीचा यात्रा, पतितपावन यात्रा, जनकपुरी यात्रा, नवदिवसीय यात्रा तथा दशावतार यात्रा के नाम से भी जाना जाता है।
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भक्त गण इसे अपने घर पर टीवी व अन्य माध्यमों से देख सकते हैं। कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर रथ यात्रा में केवल तीन रथों और दो अन्य गाड़ियों के अलावा किसी भी प्रकार के वाहन को हिस्सा लेने की अनुमति नहीं है। इस बार रथ यात्रा के दौरान गायन मंडली, अखाड़े, हाथी या सजे हुए ट्रकों को अनुमति नहीं दी जाएगी। ‘इस बार यात्रा को चार से पांच घंटे में पूरी करने की योजना बनाई गई है।
इस रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा का रथ निकाला जाता है। जो कि पुरी के जगन्नाथ मंदिर से पूरे विधि विधान से निकाला जाता है।हिंदू धर्म में रथ यात्रा की महिमा बताते हुए जगन्नाथ धाम को धरती पर वैकुंठ भी कहा गया है।