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Big Decisions: प्याज, रिफाइंड ऑयल से लेकर बासमती राइस तक; केंद्र सरकार ने कई फूड प्रोडक्टस पर लिए बड़े फैसले

By Abhimanyu 
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Central Government took a Big Decision Regarding Food Products: केंद्र की मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए क्रूड और रिफाइंड ऑइल पर कस्टम ड्यूटी (Custon Duty On Edible Oils) को बढ़ा दिया है। इसके अलावा, बासमती चावल से न्यूनतम निर्यात शुल्क को हटाने का निर्णय लिया है। इन फैसलों पर सरकार की ओर से कहा गया है कि इससे देश के किसानों को मदद मिलेगी।

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केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को एक्स पोस्ट के माध्यम से सरकार के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, “किसान हितैषी मोदी सरकार ने किसान भाइयों-बहनों के हित में निर्णय लेते हुए खाद्य तेलों के आयात शुल्क को 0% से बढ़ाकर 20% कर दिया है। अन्य उपकरणों को जोड़ने पर कुल प्रभावी शुल्क 27.5% हो जाएगा। आयात शुल्क बढ़ाने से सोयाबीन के फसल की कीमतों में वृद्धि होगी और खाद्य तेल निर्माता भी घरेलू किसानों से फसल खरीदने के लिए प्रेरित होंगे। जिससे किसान भाइयों-बहनों को उनकी फसल के ठीक दाम मिल सकेंगे। इस निर्णय से सोया खली का उत्पादन बढ़ेगा, और उसका निर्यात हो सकेगा। साथ ही सोया से जुड़े अन्य सेक्टर्स को भी लाभ मिलेगा।”

शिवराज सिंह चौहान ने आगे लिखा, “किसान कल्याण के प्रति संवेदनशील मोदी सरकार ने बासमती चावल से न्यूनतम निर्यात शुल्क को हटाने का निर्णय लिया है। निर्यात शुल्क के हट जाने से बासमती उत्पादक किसानों को अपनी उपज के ठीक दाम मिलेंगे और बासमती चावल की मांग बढ़ने के साथ ही निर्यात में भी वृद्धि होगी।” उन्होंने कहा, “किसानों की प्रगति के प्रति संकल्पित मोदी सरकार ने प्याज के निर्यात शुल्क को 40% से कम कर 20% कर दिया है। निर्यात शुल्क के कम हो जाने से प्याज उत्पादक किसानों को प्याज के अच्छे दाम मिलेंगे और प्याज का निर्यात भी बढ़ेगा। सरकार के इस निर्णय से किसानों के साथ प्याज से जुड़े अन्य सेक्टर्स को भी सीधा लाभ मिलेगा।”

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने अन्य पोस्ट में लिखा, “किसानों के विकास के लिए प्रतिबद्ध मोदी सरकार ने रिफाइन ऑयल के लिए मूल शुल्क (बेसिक ड्यूटी) को 32.5% तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से रिफाइनरी तेल के लिए सरसों, सूरजमुखी और मूंगफली की फसलों की मांग बढ़ेगी। किसानों को इन फसलों के बेहतर दाम मिल सकेंगे और साथ ही छोटे एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रिफाइनरी बढ़ने से वहां रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।”

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