लखनऊ। कोरोना संकट के चलते उत्तर प्रदेश कॉलेज छात्रों की 2021 की परीक्षाएं रद्द कर दी गईं हैं। राज्य सरकार ने करीब 30 लाख स्नातक और परास्नातक छात्रों को प्रमोट करने का फैसला किया है। स्नातक प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्र और स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के छात्र बिना परीक्षा दिए ही पदोन्नत होंगे, जबकि अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए परीक्षा आयोजित की जायेगी।
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अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षाएं अगस्त में आयोजित की जाएंगी। यह घोषणा उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने की है।हालांकि, अहम बात यह है कि कई विश्वविद्यालयों में 2020 में कोरोना महामारी के कहर के कारण लॉकडाउन की स्थिति में पिछले सत्र में स्नातक प्रथम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित नहीं की गई थी।
ऐसे विश्वविद्यालयों के द्वारा परीक्षार्थियों को बिना परीक्षा के द्वितीय वर्ष में प्रमोट कर दिया गया था। इन विश्वविद्यालयों में अब स्नातक द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों की भी परीक्षा कराई जाएगी।
गौरतलब है कि तीन कुलपतियों की समिति ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों की पदोन्नति के लिए रोडमैप तैयार किया है। इस समिति में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय, महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखंड विश्वविद्यालय, बरेली के कुलपति प्रोफेसर कृष्णपाल सिंह शामिल थे।