नई दिल्ली: दिल्ली फार्मेसी काउंसिल चुनाव 2021 (delhi pharmacy council election 2021) को लेकर कुछ कैंडिडेट ने फार्मेसी काउंसिल पर आरोप लगाया है। दरअसल, इन लोगों का कहना है कि वोटिंग सिस्टम और चुनाव प्रक्रिया में भ्रष्टाचार (Corruption in the voting system and election process) और मिलीभगत हुई है। इतना ही नहीं, दिल्ली फार्मेसी काउंसिल (Delhi Pharmacy Council) के चुनाव कुछ दिन पहले ही हुए हैं, जिस पर अब आरोप लगने भी शुरू हो गए हैं।
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आपको बता दें, यह गंभीर आरोप चुनाव में ही प्रत्याशी के तौर पर हिस्सा ले चुके विकास तुषीर (Vikas Tushir) ने काउंसिल की कुर्सी पर बैठे लोगों पर लगाया है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार हुआ है। विकास तुषीर (Vikas Tushir) ने आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने इस बारे में दिल्ली के उपराज्यपाल और प्रधानमंत्री कार्यालय (Delhi Lieutenant Governor and Prime Minister) में भी शिकायत की है।
तकरीबन 2 हजार वैध नाम गायब
विकास तुषीर (Vikas Tushir) के साथ-साथ दूसरे कैंडिडेट ने भी इसी तरह के आरोप लगाते हुए कहा कि ये आरोप ही नहीं बल्कि उनके पास इन सब के प्रमाण भी है। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची से करीब 2 हजार वैध नाम गायब (2 thousand valid names missing) कर दिए गए और शेष बचे बड़ी संख्या में मतदाताओं को बैलट पेपर ही नहीं भेजे गए, इसमें उन्होंने रिटर्निंग ऑफिसर और सब रजिस्ट्रार के द्वारा मिलीभगत का आरोप लगाया।
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उन्होंने आगे कहा कि बैलेट पेपर वोटर को न भेज भेजकर एक पक्ष का साथ दिया गया। साथ ही जो बैलट पेपर, जिनमें सील किए गए थे, उन मत पेटियों की सील पर भी कैंडीडेट्स के सिग्नेचर नहीं करवाए गए। उस वक्त की सीसीटीवी फुटेज (CCTV Footage) भी मुहैया नहीं करवाई जा रही है।
एक महीने तक उन बक्सों को वहां रखा गया, उस दौरान किसी भी तरह की धांधली हो सकती है। इनकी मांग है कि चुनाव प्रक्रिया में सुधार करते हुए EVM द्वारा दोबारा चुनाव करवाए जाएं. साथी ही जो लोग अभी कुर्सी पर बैठे हैं वह इंटरव्यू प्रणाली को खत्म नहीं करना चाहते क्योंकि इस इंटरव्यू प्रणाली के माध्यम से ही बड़ा भ्रष्टाचार होता है।