सीवान। बिहार (Bihar) में चार दिन के अंदर दूसरा पुल भरभरा कर गिर गया है। सीवान के महाराजगंज अनुमंडल (Maharajganj Subdivision) के पटेढ़ा और गरौली गांव (Garoli Village) के बीच गंडक नहर (Gandak Canal) पर गिर गया। बता दें कि शनिवार सुबह अचानक पुल का एक पाया धंसने लगा। देखते ही पुल नहर में समा गया। हादसे के बाद दो गांव के बीच आवागमन बाधित हो गया है। इलाके में हड़कंप मच गया। लोग पुल के निर्माण कार्य पर सवाल उठा रहे हैं।
पढ़ें :- मणिपुर में सुरक्षाबलों की फायरिंग में एक प्रदर्शनकारी की मौत; उग्र भीड़ ने की हिंसा-आगजनी, भाजपा-कांग्रेस दफ्तर भी लूटे
Bridge built on Gandak canal in collapsed : 30 feet long bridge collapsed as soon as the pillar sank, accident happened in Araria 5 days ago #Bridgecollaps #Gandak #Bihar #Siwan pic.twitter.com/KVF69ZwYxh
— santosh singh (@SantoshGaharwar) June 22, 2024
ग्रामीणों का कहना है कि 29 साल पहले बिहार सरकार (Bihar Government) ने इस पुल का निर्माण करवायाा। कुछ दिन पहले ही विभाग नहर की सफाई करवाई गई थी। साथ ही नहर की मिट्टी काटकर नहर के बांध पर फेंक दी गई थी। ग्रामीणों का दावा है कि इसी कारण पुल का पाया कमजोर हो गया। आज पाया टूट गया, जिससे पुल नहर में गिर गया। घटना के बाद प्रशासन ने जांच टीम का गठन किया है।
पढ़ें :- भारतरत्न पंडित महामना मदनमोहन मालवीय के प्रपौत्र बीएचयू के कुलाधिपति जस्टिस गिरिधर मालवीय का निधन
बकरा नदी पर बना पुल 18 जून को गिरा था
बता दें कि 18 जून को अररिया जिले (Araria District) सिकटी प्रखंड (Sikti Block) में बकरा नदी (Bakra River) पर बना पुल उद्घाटन से पहले ही पुल ध्वस्त हो गया था। 182 मीटर का पुल कुल तीन हिस्सों में बना था। दो पाए के साथ दो हिस्सा नदी में समा गया। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क निर्माण योजना (Pradhan Mantri Gramin Sadak Nirman Yojana) के तहत बने इस पुल की लागत 7.79 करोड़ रुपये थी। 182 मीटर लंबे इस पुल का निर्माण 2021 में शुरू हुआ था। शुरुआती दौर में यह 7 करोड़ 80 लाख की लागत का था, लेकिन बाद में नदी की धारा बदलने और एप्रोच सड़क को लेकर कुल 12 करोड़ की लागत का हो गया था।