नई दिल्ली। बिहार (Bihar) में बदली सियासी बयार का असर राज्यसभा तक पहुंच गया है। जदयू (JDU) के एनडीए (NDA)से अलग होने के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्यसभा के उपसभापति पद (Rajya Sabha Deputy Chairman) से हरिवंश नारायण सिंह (Harivansh Narayan Singh) भी इस्तीफा दे देंगे। इसी बीच जदयू अध्यक्ष ललन सिंह खुद सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि हरिवंश नारायण (Harivansh Narayan) को अपने पद से इस्तीफा देने की कोइ जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जदयू (JDU) का एनडीए (NDA) से अलग होना एक राजनीतिक फैसला है, जहां तक उच्च सदन में डिप्टी स्पीकर (Deputy Chairman) के पद की बात है तो, उसका बिहार (Bihar) के सियासी घटनाक्रम से कोई लेना-देना नहीं है।
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दरअसल, ललन सिंह का नाम राज्ससभा के उपसभापति के लिए भाजपा ने ही प्रस्तावित किया था। इस प्रस्ताव के पक्ष में कई विपक्षी दलों ने वोट भी किया था। हालांकि, बिहार में भाजपा-जदयू गठबंधन टूटने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि हरिवंश नारायण सिंह भी इस्तीफा दे सकते हैं। यह भी कहा जा रहा था कि भाजपा हरिवंश सिंह के बहाने जदयू को झटका दे सकती है।
हरिवंश सिंह ने नहीं की अभी तक कोई टिप्प्णी
इस मामले में हरिवंश सिंह ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, ललन सिंह ने कहा है कि हरिवंश सिंह ने खुद ही नीतीश कुमार के महागठबंधन में जाने के फैसले को सही बताया है। उन्होंने कहा, राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन का पद सदन से जुड़ा मामला है। उन्हें अपने पद से इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है।
कल हुआ था कैबिनेट विस्तार
एनडीए से नाता तोड़ने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नई कैबिनेट का मंगलवार को विस्तार हुआ। बिहार के राज्यपाल ने आरजेडी के 16, जेडीयू के 11, कांग्रेस के दो, हम के एक और एक निर्दलीय विधायक को मंत्री पद की शपथ दिलाई। शपथ लेने वालों में राजद नेता तेज प्रताप यादव भी शामिल थे। वहीं कल ही सभी मंत्रियों को विभागों का भी बंटवारा कर दिया गया।