नई दिल्ली: ‘हर फिक्र को धुवें में उड़ता चला गया’ ये गाना सुनते ही हर किसी को 70 के दशक के सबसे दिग्गज कलाकार देवानंद (Devanand) की याद आ जाती है। सुपरस्टार देवानंद (Devanand) का आज 98वीं बर्थ एनिवर्सरी (Dev Anand 98th Birth Anniversary) है। देवानंद (Devanand) ने बतौर निर्माता-निर्देशक तो ज्यादा सफलता नहीं मिल पाई लेकिन अभिनेता के रूप में उनका कोई जवाब नहीं था।
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आपको बता दें, फिल्म करते-करते एक्टर्स के बीच प्यार होना आज की बात नहीं है। पुराने दौर में भी फिल्में करते-करते एक्टर और एक्ट्रेस के बीच प्यार हो ही जाता था और ऐसा ही देवानंद के साथ भी हुआ। देवानंद और सुरैया की प्रेम कहानी किसी रोमांटिक फिल्म से कम नहीं थी।
दरअसल, दोनों के बीच हिंदू-मुस्लिम की दीवार खड़ी थी। धर्म की वजह से देवानंद और सुरैया कभी एक नहीं हो पाए। सुरैया की नानी को हिंदू लड़के से उनकी नज़दीकी कतई पसंद नहीं थी। 1947 में फिल्म जिद्दी की शूटिंग के दौरान देवानंद की मुलाकात एक्ट्रेस सुरैया से हुई और वो एकसाथ काम करते-करते देवानंद सुरैया को दिल दे बैठे।
उस दौर में सुरैया फेमस एक्ट्रेस और सिंगर थीं। उस समय सुरैया, देवानंद से बहुत बड़ी स्टार थीं और इसी वजह से देवानंद उनसे अपने दिल की बात कहने में हिचकिचाते थे। 1948 में फिल्म विद्या की शूटिंग के दौरान कुछ ऐसा हुआ कि सुरैया भी देवानंद से प्यार करने लगीं।
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दरअसल, फिल्म के एक सीन की शूटिंग के लिए सभी नाव में सवार थे और तभी नाव पलट गई। तब देवानंद ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए सुरैया को डूबने से बचाया। इस हादसे के बाद सुरैया को भी देवानंद से प्यार हो गया था।
तकरीबन सात फिल्मों में एकसाथ काम करने के बाद दोनों का ब्रेकअप हो गया और फिर इसके बाद देवानंद और सुरैया ने कभी एकसाथ कोई फिल्म साइन नहीं की। कहा जाता है कि देवानंद की खातिर सुरैया ने कभी किसी से शादी नहीं की और अपना पूरा जीवन अकेले ही बिताया।