नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 16-17 जनवरी को प्रस्तावित है। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से (Parliament’s Budget Session From January 31) आयोजित होने जा रहा है। ऐसे में नई टीम 18 से 25 जनवरी के बीच बन सकती है। पार्टी मुख्यालय से पीएमओ (PMO) के बीच जारी उच्च स्तरीय बैठकों की गहमागहमी मोदी कैबिनेट (Modi Cabinet) में बड़े फेरबदल का संकेत दे रही है। सरकार और पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह मोदी सरकार (Modi Government) के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पुनर्गठन होगा। इसको लेकर केंद्र सरकार के मंत्रालयों में इन दिनों बेचैनी देखी जा रही है।
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बता दें कि बीजेपी (BJP) की नई टीम इस साल 10 राज्यों के विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) और 2024 के लोकसभा चुनाव (2024 Lok Sabha Elections) में पार्टी का मोर्चा संभालेगी। इसको देखते हुए माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव (Union Minister Bhupendra Yadav) , धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) और अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) को नई और अहम जिम्मेदारी मिल सकती है। इसी तरह गुजरात चुनाव के रणनीतिकार माने जाने वाले सीआर पाटिल को दिल्ली में अहम भूमिका में लाया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक अभी तक ये तय नहीं है कि उन्हें संगठन में महत्वपूर्ण पद मिलेगा या कैबिनेट मंत्री बनाए जाएंगे। वहीं, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के लिए भी नई जगह तलाशी जा रही है।
दिल्ली के सत्ता के गलियारे में चर्चा है कि आने वाले केंद्रीय कैबिनेट विस्तार (Central Cabinet Expansion) में चिराग पासवान (Chirag Paswan) को मोदी सरकार (Modi Government) में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। बता दें कि कुछ दिन पहले जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) से चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने मुलाकात की थी, तो उसी समय से ये चर्चाएं शुरू हो गई थीं कि को केंद्र सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है। कौन हटेगा, कौन शामिल होगा, इस मुद्दे पर पार्टी में खामोशी है। हर किसी का यही कहना है कि इस बारे में सिर्फ एक शख्स (पीएम मोदी) को ही पता है।
436 लोकसभा सीटों पर 20 जनवरी से 3 दिन डेरा डालेंगे केंद्रीय मंत्री
आम चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा 20 जनवरी से उन 436 लोकसभा सीटों पर केंद्रीय मंत्रियों की तैनाती करेगी। जहां वह पिछला चुनाव लड़ी थी। मंत्री वहां रोटेशन आधार पर तीन दिन रुकेंगे और केंद्रीय योजनाओं की समीक्षा करेंगे। सूत्रों का कहना है कि हर मंत्री के जिम्मे 7-8 सीटें होंगी। उन्हें केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और उसके असर की जानकारी जुटाकर रिपोर्ट बनानी होगी।
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जानकारी जुटाने के बाद लोकसभा सीट के लिए एक ट्विटर हैंडल बनाकर उससे कम से कम 50 हजार फॉलोअर्स जोड़े जाएंगे। सोशल मीडिया के जरिए युवाओं, धार्मिक गुरुओं और समुदायों से संवाद स्थापित किया जाएगा।
2023 के 10 विधानसभा चुनाव, 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा
इस साल कर्नाटक, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मेघालय, नगालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा में चुनाव हैं। जम्मू-कश्मीर में भी उम्मीद है। पार्टी के सामने इनमें से 6 राज्यों में सरकार बचाने की चुनौती है। ऐसे में मंत्रिमंडल में वहां के नेताओं को प्रतिनिधित्व देने पर जोर रहेगा। सरकार की ओर से साफ संकेत हैं कि नॉन परफाॅर्मिंग मंत्रियों को ड्रीम टीम में स्थान नहीं मिलेगा। एक पूर्व मंत्री ने इशारा किया कि गुजरात चुनाव से पहले वहां पूरी टीम को बदल दिया था, जिसके अच्छे नतीजे दिखाई दिए। इसलिए समझा जा रहा है कि इस बार भी बड़े बदलाव किए जा सकते हैं।
3 कैबिनेट मंत्री लाए जा सकते हैं संगठन में, इन राज्यों व दलों की बढ़ेगी नुमाइंदगी
संगठन में अनुभवी, तेजतर्रार नेताओं की कमी है। इसलिए कम से कम 3 कैबिनेट मंत्री संगठन में लाए जा सकते हैं। बता दें कि एक पूर्व ब्यूरोक्रेट कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) को हटाए जाने की चर्चा है। महिला प्रतिनिधित्व बढ़ेगा। कर्नाटक, मप्र-छग, राजस्थान से नुमाइंदगी बढ़ना भी संभव है। 5 मंत्रियों का अतिरिक्त प्रभार कम किया जा सकता है। ओबीसी, अनुसूचित जाति और आदिवासी को तरजीह दी जाएगी। अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक प्रतिनिधि को दिया जाएगा। गुजरात की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले पुरस्कृत होंगे। हिमाचल-दिल्ली एमसीडी चुनाव में हार का असर दिखेगा। कैबिनेट पुनर्गठन (Cabinet Reshuffle) में शिवसेना के शिंदे गुट को एक स्थान दिया जा सकता है। जेडीयू (JDU)के हटने से खाली हुई जगह भी भाजपा को मिलेगी।
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