लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा (Satish Chandra Mishra) ने यूपी विधानसभा चुनाव (UP assembly elections) को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद भी पार्टी भाजपा (BJP) के साथ गठबंधन नहीं करेगी। उन्होंने दावा किया कि बसपा स्पष्ट बहुमत के साथ प्रदेश में सरकार बनाएगी। सतीश चंद्र मिश्रा (Satish Chandra Mishra) ने यह भी दोहराया कि उनकी पार्टी किसी भी अन्य पार्टी के साथ विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में गठबंधन नहीं करेगी।
पढ़ें :- यह जीत केवल भाजपा गठबंधन की नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में जनता के अटूट भरोसे और विश्वास की है ऐतिहासिक जीत : केशव मौर्य
बसपा महासचिव ने कहा कि हम विपक्ष में बैठना पसंद करेंगे, लेकिन यूपी (UP) विधानसभा के लिए हम न तो किसी अन्य पार्टी के साथ गठबंधन करेंगे और न ही समर्थन लेंगे। उन्होंने कहा कि बसपा 2022 में पूर्ण बहुमत के साथ अपनी सरकार बना रही है। चुनाव के बाद किसी भी अन्य परिदृश्य की स्थिति में हम कभी भी भाजपा के साथ नहीं जाएंगे।
सतीश चंद्र मिश्रा (Satish Chandra Mishra) का यह बयान इस बढ़ती धारणा के बीच आया है कि क्या 2022 के विधानसभा चुनाव (Assembly Elections)के बाद बसपा फिर से भगवा पार्टी से हाथ मिला सकती है? बता दें कि इससे पहले यूपी में बसपा ने भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी दोनों के साथ सरकारें बनाई हैं। बसपा ने 1993 में सपा के साथ गठबंधन किया था और उस वक्त मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) ने सरकार का नेतृत्व किया। दो साल बाद 1995 में दोनों पार्टियां अलग हो गई और मायावती कुछ महीनों के लिए भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बनीं। इसके अलावा 1997 और 2002 में बसपा ने फिर से भाजपा के साथ गठबंधन में सरकार बनाई। इसके बाद 2007 में दलित-ब्राह्मण संयोजन (Dalit-Brahmin Combination) पर भरोसा करते हुए पार्टी ने 403 सदस्यीय विधानसभा में 206 सीटें जीतकर अपने दम पर सरकार बनाई थी।
बसपा एक बार फिर इस विजयी ‘दलित-ब्राह्मण’ संयोजन (Dalit-Brahmin Combination) को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रही है। पार्टी राज्य भर में ब्राह्मण सम्मेलनों की एक सीरीज आयोजित कर रही है। दलित उत्तर प्रदेश की आबादी का अनुमानित 20 प्रतिशत हैं और ब्राह्मणों की संख्या 13 प्रतिशत है। बसपा के ब्राह्मण चेहरे सतीश चंद्र मिश्रा (Satish Chandra Mishra) ने कहा कि उनकी पार्टी ने प्रवृत्ति शुरू की और सभी दल अब ब्राह्मणों को शामिल करने और उन्हें लुभाने के लिए आगे बढ़ने का लक्ष्य बना रहे हैं। लेकिन 80 फीसदी ब्राह्मण हमारे साथ हैं। केवल वही ब्राह्मण बसपा के साथ नहीं हैं जो किसी दल के पदाधिकारी हैं या स्वयं चुनाव लड़ रहे हैं। ये सभी दल जनसंपर्क कार्यक्रमों के माध्यम से उनके लिए लड़ रहे हैं।