CAG Report : प्रधानमंत्री आयुष्मान कार्ड योजना (Pradhan Mantri Ayushman Card Yojana) के तहत मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है। निजी अस्पताल ने इस कदर फर्जीवाड़ा किया गया है कि उन्होंने मुर्दो तक का इलाज किया और फिर दोबारा मार दिया। कैग की रिपोर्ट (CAG Report) आने के बाद प्रधानमंत्री आयुष्मान कार्ड योजना (Pradhan Mantri Ayushman Card Yojana) में इस बड़े फर्जीवाड़े खुलासा हुआ है। बता दें कि कैग रिपोर्ट (CAG Report) के अनुसार 100 बेड की क्षमताओं वाले निजी अस्पतालों ने 230 मरीजों एडमिट करने को दर्शाया है।
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कैग की रिपोर्ट (CAG Report) में खुलासा हुआ कि 447 मरीज जिनकी अस्पताल में भर्ती हुए बिना ही मौत हो गई, इन मरीजों के लिए भी 1.2 करोड़ की राशि क्लेम की गई। एक ही मरीज का एक ही समय में एक साथ कई अस्पतालों में इलाज किया गया। रिपोर्ट के अनुसार 8081 मरीजों का एक ही समय में एक साथ कई अस्पतालों में इलाज करवाया। इसमें 213 अस्पताल शामिल।
मध्य प्रदेश में 96 फीसदी तक नहीं हुई रिकवरी
कैग की रिपोर्ट (CAG Report) के अनुसार मध्य प्रदेश में करीब 25 अस्पताल ऐसे हैं, जिन्होंने क्षमता से अधिक बेड ऑक्यूपेंसी दिखाई। यानी कि इन अस्पतालों ने ज्यादा मरीजों की भर्ती दिखा कर क्लेम लिया गया। जवाहरलाल नेहरू कैंसर अस्पताल (Jawaharlal Nehru Cancer Hospital) और अनुसंधान केंद्र में 20 मार्च 2023 तक 100 बेड थे, लेकिन इसमें 233 मरीजों को दिखाया गया कैग की रिपोर्ट में सरकारी अस्पताल समेत कुल 24 अस्पतालों के नाम शामिल। कैग की रिपोर्ट (CAG Report) में कहा गया डिफाल्टिंग अस्पतालों से होने वाली रिकवरी के मामले में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के आंकड़े सबसे खराब हैं। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में फर्जीवाड़ा करने वाले में 96 फीसदी तक की रिकवरी अब तक नहीं हो पाई।
आयुष्मान कार्ड धारकों में मध्य प्रदेश अव्वल
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प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना (Pradhan Mantri Ayushman Yojana)के सबसे ज्यादा आयुष्मान कार्ड धारक मध्य प्रदेश में ही हैं। यहीं पर सबसे ज्यादा लापरवाही देखी जा रही है। कैग की रिपोर्ट (CAG Report) में खुलासा हुआ है कि मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में आयुष्मान के लिए जिला स्तर पर शिकायत निराकरण समितियों का गठन नहीं किया गया। आयुष्मान योजना (Ayushman Yojana) में सूचना शिक्षा और संवाद का प्लान तो बनाया लेकिन उसे लागू नहीं किया गया।
कैग की पैन इंडिया ऑडिट रिपोर्ट (Pan India Audit Report of CAG )में अनियमितताओं के सबसे ज्यादा मामले मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में ही हैं। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कई संदिग्ध कार्ड और मृत लोगों को भी लाभार्थी के रूप में रजिस्ट्रेशन की जानकारी पाई गई है।