शिकायतकर्ता ने कुलपति विनय पाठक पर आरोप लगाया है कि डॉ. भीमराव अंबेडकर विवि आगरा के कुलपति पद पर रहते हुए बिल पास करने के नाम पर 15 प्रतिशत कमीशन लिया करते थे. एफआईआर में रंगदारी मांगने, धमकी और गाली-गलौज सहित भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए गए हैं.
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वादी ने कमीशन देने में असमर्थता जताई तो कुलपति ने अपशब्द कहे और आगरा यूनिवर्सिटी से कंपनी का काम हटवा देने की धमकी दी. परेशान होकर वादी ने कमीशन देने के लिए हामी भरी. इस पर पाठक ने अजय मिश्रा से फोन पर बात कराई और भुगतान होते ही कमीशन पहुंचाने को कहा. बिल पास होने पर वादी ने अजय मिश्रा से संपर्क किया और उनके खुर्रम नगर स्थित आवास पर जाकर कमीशन के 30 लाख रुपये दे दिए.
अजय मिश्रा के खाते में ट्रांसफर किये रुपये
इस पर अजय ने तीन लाख रुपए कम होने की बात कही और घर में बंधक बना लिया. किसी तरह वादी वहां से निकला और तीन लाख रुपए की व्यवस्था कर अजय को दे दिए. आरोप है कि इसी तरह अलग-अलग बिलों को पास करने के नाम पर आरोपित पीड़ित से रुपए वसूलते रहे। वादी का कहना है कि अजय मिश्रा ने इंटरनेशनल बिजनेस फार्म्स में लाखों रुपये ट्रांसफर किये हैं.