Chandrayaan-3 Deboosting: भारत का महत्वाकांक्षी चंद्रयान मिशन-3 (Chandrayaan-3 Mission) अपने आखिरी पड़ाव पर है। पहली डिबूस्टिंग की प्रक्रिया सफलतापूर्वक कर ली गया है। अब दूसरी डिबूस्टिंग की प्रक्रिया (Deboosting Process) से चंद्रयान-3 कल यानी 20 अगस्त 2023 को गुजारेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो (ISRO) के मुताबिक, लैंडर की स्पीड उन्होंने कम कर ली है और अब वह चांद की तरफ ले जाने वाली कक्षा की तरफ मुड़ गया है। अभी तक सभी हालात सामान्य हैं।
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दरअसल, चांद की सतह पर उतरने से पहले लैंडर की स्पीड कम रहे ताकि सॉफ्ट लैंडिंग (Soft Landing) हो सके, आगे की चुनौती भी यही रहने वाली है। लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल (Lander Module) 20 अगस्त को दूसरी ‘डिबूस्टिंग’ (गति कम करने की प्रक्रिया) से गुजरेगा, जिसके तहत इसे एक कक्षा में उतारा जाएगा जो इसे चंद्रमा की सतह के बहुत करीब ले जाएगा। चन्द्रयान-3 (Chandrayaan-3) की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग 23 अगस्त को होने की उम्मीद जतायी जा रही है।
इसरो ने ट्वीट करके दूसरी डिबूस्टिंग प्रक्रिया को लेकर जानकारी दी है। संगठन ने ट्वीट में कहा कि लैंडर मॉड्यूल की स्थिति सामान्य है। एलएम ने सफलतापूर्वक एक डिबूस्टिंग प्रक्रिया को पूरा किया जिससे अब इसकी कक्षा घटकर 113 किलोमीटर x 157 किलोमीटर रह गई है।
आगे बताया कि दूसरी डिबूस्टिंग प्रक्रिया 20 अगस्त, 2023 को भारतीय समयानुसार देर रात दो बजे की जानी है। चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल और प्रणोदन मॉड्यूल गुरुवार को सफलतापूर्वक अलग हो गए थे। चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई को प्रक्षेपण के बाद पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था।
Chandrayaan-3 Mission:
The Lander Module (LM) health is normal.पढ़ें :- एलन मस्क के 'ट्रंप कार्ड' से भारत में आज आधी रात बाद बदल जाएगी इंटरनेट-ब्रॉडबैंड की दुनिया, ISRO व SpaceX लांच करेंगे GSAT-N2
LM successfully underwent a deboosting operation that reduced its orbit to 113 km x 157 km.
The second deboosting operation is scheduled for August 20, 2023, around 0200 Hrs. IST #Chandrayaan_3#Ch3 pic.twitter.com/0PVxV8Gw5z
— ISRO (@isro) August 18, 2023
बता दें कि पिछले महीने 14 जुलाई के प्रक्षेपण (Launching) के बाद पिछले तीन हफ्तों में पांच से अधिक प्रक्रियाओं में इसरो ने चंद्रयान-3 को पृथ्वी से दूर आगे की कक्षाओं में बढ़ाया था। 1 अगस्त को एक महत्वपूर्ण कवायद में अंतरिक्ष यान (Space ship) को पृथ्वी की कक्षा से सफलतापूर्वक चंद्रमा की ओर भेजा गया।