Child Care : बच्चे बहुत भोले होते है। उनकी बातें दिल को छू लेती है। बच्चों का जिद करना भी अच्छा लगता है। ये जिद करने वाली बातें धीरे धीरे बच्चों को जिददी बना देती है। फिर बच्चा बात बात जिद पर अड़ जाता है। बच्चे के अंदर अगर कम उम्र में अहंकार, जिद और गुस्सा जैसा भाव पैदा होने लग जाए तो मां बाप को तुरंत इसपर ध्यान देना चाहिए। हर बच्चा अलग-अलग स्वभाव का होता है, जिसमें कुछ बच्चे कोई भी काम बहुत जल्दी में करते हैंं। ऐसे बच्चों में धैर्य की कमी होती है, जो उनके भविष्य के लिए ठीक नहीं है।
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अगर आप चाहते हैं कि बच्चे के अंदर धैर्य, नम्रता और सहनशीलता आए तो खुद को पहले बदलिए। जिद्दी बच्चों को संभालने का सबसे कारगर तरीका है कि आप उनके बुरे बर्ताव पर किसी भी तरह की प्रतिक्रिया ना दें जबकि उनके अच्छे व्यवहार पर हमेशा तारीफ करे।
मजबूत इच्छाशक्ति वाले बच्चों की राय भी बहुत मजबूत होती है और वे कई बार बहस करने लगते हैं। अगर आप उनकी बात नहीं सुनेंगे तो वे और ज्यादा जिद्दी हो जाएंगे।