नई दिल्ली। देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर कमजोर पड़ती नजर आ रही है। इसको देखते हुए कई राज्य स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खोलने पर विचार कर रहे हैंं। कुछ शर्तों के साथ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 26 जुलाई से कक्षा 11वीं तथा 12वीं की कक्षाएँ आधी क्षमता से आरम्भ किये जाने का ऐलान किया है। कोरोना की तीसरी लहर की संभावना है, पर वर्तमान में प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है।
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श्री चौहान विद्या भारती मध्यक्षेत्र भोपाल के शैक्षिक शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान ‘अक्षरा’ के भवन के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अरेरा कॉलोनी ई-4 में बने परिसर में शाला भवन का लोकार्पण और ‘अक्षरा’ पत्रिका का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री ने विद्या भारती परिसर में चंदन का पौधा लगाया। संस्था की ओर से मुख्यमंत्री श्री चौहान को शाल श्रीफल व स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, विद्या भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामकृष्णराव कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित थे। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार, खजुराहो सांसद वी.डी. शर्मा भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। विद्या भारती मध्यक्षेत्र के मंत्री श्री विवेक शेंड्ये ने संस्था की गतिविधियों की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण बच्चों का अध्ययन और शाला गतिविधियाँ प्रभावित हुई हैं। ऑनलाइन और वर्चुअल प्रक्रिया से अध्ययन जारी है, परंतु इसकी प्रभावशीलता का आंकलन शेष है। लंबे समय से घरों में रहकर बच्चे कुंठित हो रहे हैं। शाला संचालकों की आपनी समस्याएँ हैं। इन परिस्थितियों में प्रदेश में नियंत्रित हुए कोरोना संक्रमण को देखते हुए शाला संचालन चरणबद्ध रूप से आरंभ करने का निर्णय लिया गया है।
श्री चौहान ने कहा कि कक्षा 11 तथा 12वीं के लिए 26 जुलाई से 50 प्रतिशत क्षमता के साथ शालाओं का संचालन आरंभ किया जाएगा। शालाएँ सप्ताह में चार दिन लगेंगी। दो दिन 50 प्रतिशत क्षमता का एक बैच आएगा, अगले दो दिन शेष 50 प्रतिशत विद्यार्थियों का दूसरा बैच शाला आएगा। एक सप्ताह तक स्थिति को देख कर कोचिंग संस्थान, महाविद्यालयों को आरंभ करने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। यदि स्थिति सामान्य और नियंत्रण में रहती है तो 15 अगस्त से क्रमबद्ध 9वीं, 10वीं और उसके बाद माध्यमिक और प्राथमिक शालाओं का संचालन आरंभ करने का निर्णय राज्य शासन द्वारा लिया जाएगा।
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श्री चौहान ने शिक्षा पर आचार्य शंकर और स्वामी विवेकानंद के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि शिक्षा से व्यक्ति ज्ञान और नागरिकता के संस्कार अर्जित करता है। शिक्षा कौशल प्रदान करती है। व्यक्ति में आजीविका अर्जन की क्षमता विकसित करना शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में ज्ञान, श्रेष्ठ संस्कार और कौशल संवर्धन तीनों का समावेश है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा शास्त्रियों, विषय-विशेषज्ञों, शाला संचालकों के मार्गदर्शन में प्रदेश में नई शिक्षा नीति का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जायेगा। राज्य शासन द्वारा शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन के लिए विशेष रूप से मंत्री समूह का गठन किया गया है। यह समूह, विशेषज्ञों से सलाह कर कक्षा 6 से व्यावसायिक शिक्षा आरंभ करने के स्वरूप का निर्धारण करेंगा। पाठ्यक्रम निर्धारण, प्रशिक्षण आदि के संबंध में भी विषय-विशेषज्ञों से विचार-विमर्श उपरांत निर्णय लिया जायेगा।