लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘बाल सेवा योजना’ का शुभारम्भ किया। योजना का शुभाारंभ करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, हम सब जानते हैं कि पूरी दुनिया पिछले 16-17 महीनों से इस सदी की सबसे बड़ी महामारी से जूझ रही है।
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कोरोना महामारी से बचाव के संबंध में देश के प्रधानमंत्री ने समय-समय पर अपने संबोधन के माध्यम से मार्गदर्शन दिया है। सीएम ने कहा कि, पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत इस सदी की सबसे बड़ी महामारी से खिलाफ पूरी प्रतिबद्धता के साथ सफलतापूर्वक मुकाबला कर रहा है।
लेकिन महामारी से बचाव के तमाम उपाय व उपचार के बावजूद बहुत से लोगों को अपने प्रियजनों को खोना पड़ा है। सरकार ने ऐसे 4050 बच्चों को चिन्हित किया है। इसमें 240 बच्चे ऐसे हैं जो कोरोना महामारी के दौराना माता—पिता दोनो लोगों को खोज दिया, जबकि 3810 ऐसे बच्चे हैं जिन्होंने अपने माता-पिता में से एक या लीगल गार्जियन की कोरोना से मृत्यु हो गई है। इसको लेकर ही सीएम योगी ने बाल सेवा योजना की शुरूआत की है।
प्रदेश में 240 ऐसे बच्चे हैं, जिन्होंने कोरोना कालखंड में अपने माता-पिता दोनों को खोया है। 3,810 बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने अपने माता या पिता या लीगल अभिभावक को खोया है: #UPCM श्री @myogiadityanath जी
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) July 22, 2021
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गुरुवार को इस योजना के कार्यक्रम में यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिस्सा लिया। इस योजना को तहत सरकार हर ऐसे हर बच्चे को चार हजार रुपये प्रति माह उपलब्ध कराएगी। इसके साथ ही 18 वर्ष की उम्र तक राज्य सरकार उनके लालन-पालन की व्यवस्था करेगी।
वे बच्चे जिनके माता-पिता या लीगल गार्जियन नहीं हैं, उन्हें बाल संरक्षण गृह में या फिर हर कमिश्नरी मुख्यालय में 18 अटल आवासीय विद्यालय निर्माणाधीन हैं, में रखा जाएगा। इसके साथ ही इस योजना के तहत निराश्रित बालिकाएं जो शादी योग्य हो चुकी हैं, उन्हें ‘मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ के तहत सरकार अपनी निधि से शादी के लिए 1.01 लाख उपलब्ध कराएगी।