नई दिल्ली: गीतकार जावेद अख्तर (Javed Akhtar) अपने बयानो के चलते इन दिनो विवादों से घिरे हुए। दरअसल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) की आतंकी संगठन तालिबान (terrorist organization taliban) से तुलना करने के बाद जावेद अख्तर (Javed Akhtar) की मुसीबतों में लगातार इजाफा होता जा रहा है। अब ये मामला CGM कोर्ट में पहुंच गया है।
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आपको बता दें, गीतकार जावेद अख्तर के खिलाफ CGM कोर्ट लखनऊ मुकदमे की अर्जी दायर की गई है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि कुमार गुप्ता (Chief Judicial Magistrate Ravi Kumar Gupta) ने जावेद अख्तर (Javed Akhtar) के खिलाफ दायर की गई मुकदमे की उस अर्जी पर सुनवाई के लिए 16 सितंबर की तारीख मुक़र्रर की है।
दरअसल, इस मामले को राजधानी लखनऊ (Capital Lucknow) की CGM कोर्ट का है। जहां शुक्रवार को यह वकील प्रमोद पांडेय (Pramod Pandey) ने यह अर्जी दाखिल की है। वहीं, वादी का कहना है कि RSS एक देश भक्त संगठन है। वहीं, वादी खुद भी इसका सदस्य है। इस संगठन की तुलना आतंकी संगठन तालिबान (terrorist organization taliban) से करना अपराध की श्रेणी में आता है।
क्योंकि तालिबान आतंकवाद (Taliban terrorism) का सबूत है। इस दौरान कई अखबारों में में प्रकाशित जावेद अख्तर (Javed Akhtar) की इस टिप्पणी से उसकी आस्था को ठेस पहुंची है। जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने कहा था कि तालिबान बर्बर हैं, उनकी हरकतें निंदनीय हैं। लेकिन RSS, VHP और बजरंग दल का समर्थन करने वाले सभी एक जैसे हैं। जावेद अख्तर ने कथित तौर पर यह भी कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है,