लखनऊ। योगी सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री हनुमान स्वरूप मिश्रा मंगलवार को निधन हो गया है। इनका लखनऊ के एसजीपीजीआई में कई दिनों से इलाज चल रहा था।
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बता दें कि हनुमान मिश्रा बीजेपी के कद्दावर नेता माने जाते थे। वह बीजेपी नेता श्याम बिहारी मिश्रा के भतीजे थे, उनका लखनऊ में काफी दिन से इलाज चल रहा था। आज ही अंतिम संस्कार होगा। बता दें हनुमान मिश्रा लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे। आज सुबह उन्हांेने एसजीपीजीआई में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली।
पिछले साल ही कोऑपरेटिव चुनाव जीता था
बता दें पिछले साल दिसंबर में ही हनुमान स्वरूप मिश्रा प्रदेश कोऑपरेटिव यूनियन की प्रबंध समिति के चुनाव में सभापति चुने गए थे। इस चुनाव के साथ शीर्ष सहकारी संस्थाओं में से एक और पर सपा का कब्जा समाप्त हो गया था। प्रबंध समिति के सभापति हनुमान स्वरूप मिश्रा कानपुर मंडल से संचालक चुनकर आए थे।
हनुमान मिश्रा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से की थी। वह कई वर्षों से लगतार भाजपा संगठन के साथ जुड़े रहे और सेवाएं दे रहे थे। 55 वर्षीय हनुमान मिश्रा का आवास आचार्य नगर में है। आवास पर समर्थक जुटने शुरू हो गए है। फिलहाल शव का इंतजार हो रहा है।
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जानकारी के अनुसार पिछले दिनों बुखार आने के बाद उनकी कोरोना की जांच कराई गई थी। परिजनों का कहना है कि उन्हें कोरोना के लक्षण थे, जिसके बाद उन्हें लखनऊ शिफ्ट कराया गया। यहां उनकी मौत हो गई।
कानपुर में कद्दावर माना जाता है मिश्रा परिवार
बता दें यूपी के कद्दावर नेता और चार बार के सांसद रह चुके व्यापारी नेता श्याम बिहारी मिश्रा के भतीजे ह। हनुमान मिश्रा बजरंग दल के संयोजक के रूप में भी कई वर्षों तक कार्य किया। हनुमान मिश्रा सरल स्वभाव के व्यक्ति थे। डीएवी कॉलेज के छात्र संघ चुनाव से लेकर विद्यार्थी परिषद, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिंदू जागरण मंच, हिंदू कल्याण समिति ऐसे तमाम संगठनों से जुड़े रहे. अभी कुछ ही माह पूर्व उत्तर प्रदेश सरकार के श्रम विभाग से संबंधित उन्हें दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री के पद से नवाजा गया था। उनके भाई किशन ने बताया कि आज कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।