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इस टेक्नोलॉजी पर बनी COVID-19 वैक्सीन के हैं कई साइड इफेक्ट्स, जिससे हो सकती है सडन कार्डियक डेथ

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोना वायरस की कई सारी वैक्सीन मौजूद हैं। इनमें से कुछ वैक्सीन mRNA टेक्नोलॉजी से भी बनी हैं। इन्हें एमआरएनए वैक्सीन कहा जाता है। दुनिया के कई देशों में इन वैक्सीन से टीकाकरण भी हुआ है। अब इन टीकों के साइड इफेक्ट को लेकर भी एक जानकारी सामने आ रही है। वैज्ञानिक ओसेफ फ्रैमन का दावा किया है कि mRNA COVID-19 वैक्सीन लोगों में कई प्रकार के साइड इफेक्ट्स कर सकती है, जिससे सडन कार्डियक डेथ भी हो सकती है।

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बता दें कि फाइजर और मॉडर्ना की एमआरएनए वैक्सीन पर एक रिसर्च किया गया है। इस रिसर्च के मुख्य लेखक फ्रैमन ने एक ऑनलाइन वीडियो में कहा कि एमआरएनए वैक्सीन से शरीर को नुकसान हो सकता है। रिसर्च के पब्लिकेशन के दौरान उनकी टीम ने इन वैक्सीन को बाजार से वापस लेने की अपील की थी। ऐसा इसलिए क्योंकि ये वैक्सीन कई तरह के साइड इफेकट्स कर सकती है जो अचानक मौत का कारण भी बन सकते हैं।

फ्रैमन ने कहा कि कुछ समय पहले एफडीए ने भी एमआरएनए वैक्सीन पर एक स्टडी की थी, जिसे बीएमजे जर्नल में प्रकाशित किया गया था। उस स्टडी में भी कहा गया था कि mRNA वैक्सीन के शरीर पर कुछ साइडइफेक्टस हो सकते हैं। उस स्टडी में जो डाटा था लगभग वैसा ही हमारी स्टडी में भी है, हालांकि एफडीए ने उस रिसर्च के बारे में आम लोगों को सूचना नहीं दी थी।

एमआरएनए वैक्सीन की वजह से लोगों को  सडन कार्डियक अरेस्ट का खतरा

फ्रैमन के मुताबिक, उनकी टीम के पास कई ऑटोप्सी स्टडी भी हैं। जिनसे पता चलता है कि एमआरएनए वैक्सीन की वजह से लोगों को सडन कार्डियक अरेस्ट हो सकता है, जिससे मौके पर ही मौत हो जाती है। सडन कार्डियक अरेस्ट हार्ट की एक गंभीर बीमारी है, जिसके मामले दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहे हैं।

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जिन देशों में ज्यादा एमआरए वैक्सीन लगीं वहां मृत्युदर अधिक

जिन देशों मेंmRNAs वैक्सीन से ज्यादा टीकाकरण हुआ है। वहां मृत्युदर में अधिक देखी गई है। हालांकि ये किस वजह से हुई हैं इनका कोई ठोस प्रमाण नहीं है। एमआएनए वैक्सीन और मृत्युदर में इजाफे के बीच एक संबंध जरूर मिला है। इससे यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या एमआरएनए वैक्सीन के नुकसान से अधिक है। फ्रैमन का मानना ​​​​है कि एमआरएनए वैक्सीन को बाजार से वापस लेने की जरूरत है। जब तक इन वैक्सीन के फायदों को लेकर कोई ट्रायल या स्टडी सामने नहीं आती तब तक बाजार से उनको हटा लेना चाहिए।

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