लखनऊ। यूपी आवास एवं विकास परिषद (Uttar Pradesh Avas Vikas Parishad) के अवध शिल्प ग्राम (Avadh Shilpgram) का लोकार्पण साल 2016 में हुआ था, लेकिन महज सात साल पहले बने अवध शिल्प ग्राम (Avadh Shilpgram) में इतनी टूटफूट हुई कि मरम्मत पर पिछले तीन साल में सात करोड़ रुपये खर्च करने पड़ गए। आश्चर्य की बात यह है कि काम भी बिना टेंडर कराया गया है। आवास व विकास परिषद (Uttar Pradesh Avas Vikas Parishad) की इस योजना में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता की शिकायत शासन में हुई। शासन के निर्देश पर अब आवास विकास (Avas Vikas) से रिपोर्ट तलब कर ली है। शासन से रिपोर्ट मांगे जाने के बाद आवास विकास (Avas Vikas) ने मामले की जांच का आदेश दिया है। योजना के सुप्रीटेंडेंट ऑफ इंजीनियर पवन कुमार के मुताबिक शासन के निर्देश पर जांच शुरू हुई है। यहां कराए गए कामों का ब्योरा और उससे जुड़ी पत्रावलियां तलब की हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
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शासन में हुई शिकायत के मुताबिक लोकार्पण के चार साल बाद साल 2021 में 2 करोड़, साल 2022 में 2 करोड़ और साल 2023 फरवरी में 3 करोड़ रुपये मरम्मत पर खर्च किए गए। आरोप है कि यह काम योजना के इंजीनियरों ने बिना टेंडर कराए अपने चहेतों के जरिए करवाया। शिकायत में इंजीनियरों की बेनामी संपत्तियों का भी जिक्र है। मामले की शिकायत शासन में होने के बाद सरकार के शीतला प्रसाद की तरफ से आवास अनु सचिव विकास परिषद (Housing Sub Secretary Development Council) के कमिश्नर को पत्र भेजकर रिपोर्ट मांगी गई है। मामले की जांच एसई पवन कुमार को दी गई है।