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CSIR-CIMAP Kisan Mela 2024 : औषधीय और सुगंधित फसलों की भी एमएसपी घोषित करे सरकार, ताकि किसानों को लाभ मिल सके

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। सी.एस.आई.आर केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान,लखनऊ में किसान मेले का उद्घाटन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सीएसआईआर-एनबीआरआई के निदेशक डॉ. अजीत कुमार शासनी ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। किसान मेला के संवाहक, डॉ. संजय कुमार ने गणमान्य अतिथियों एवं दर्शकों को किसान मेले के दो दिवसीय कार्यक्रम की गतिविधियों की जनकारी दी।

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किसना मेले के दौरान सीएस आईआर-सीमैप के निदेशक डॉ प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि, उद्दयोग प्रतिनिधियों, किसानों आदि का स्वागत किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सीएस आईआर-सीमैप ने अपने प्रमुख कार्यक्रम, एरोमा-मिशन के तहत लेमनग्रास सगंध तेल में भारत को सक्षम बनाया है, जिसे पहले अन्य देशों से आयात किया जाता था। उन्होंने बताया कि कल मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि होंगे एवं विशिष्ट अतिथी कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही होंगे। साथ ही साथ डॉ नल्लाथम्बी कलाइसेल्वी, महानिदेशक, सीएसआईआर एवं सचिव, डिपार्टमेंट ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च भी उपस्थित रहेंगी।

मुख्य अतिथि डॉ. शासनी ने सभा को संबोधित किया और सीएसआईआर-सीमैप के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने यह भी कहा कि सीएसआईआर-सीमैप को किसानों से जुड़ी सफलता की कहानियों का प्रचार करना चाहिए, ताकि नए किसान और उद्यमी औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती से जुड़ सकें। साथ ही साथ कृषकों एवं उद्यमियों को जोड़ने के का प्रयास करें ताकि किसानों की आय में बढ़ोत्तरी हो सके।
एसेंशियल ऑयल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (EOAI) के महासचिव प्रदीप जैन ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार को अन्य फसलों की तरह औषधीय और सुगंधित पौधों के लिए भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) घोषित करना चाहिए ताकि किसानों को लाभ मिल सके।

उद्घाटन समारोह के दौरान, गणमान्य व्यक्तियों द्वारा हर्बल उत्पादों और एक आवश्यक तेल किट के साथ मेंथा कीट फसल कैलेंडर जारी किया गया। समारोह के दौरान सीएसआईआर-सीमैप के शोधार्थियों द्वारा किसान मेले की झलक प्रस्तुत करने वाले एक नुक्कड़ नाटक का भी मंचन किया गया। तत्पश्चात्, किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया जिससे उद्योग प्रतिनिधियों, किसानों और वैज्ञानिकों के मध्य विचार मंथन हुआ। मेले मे एक हजार से अधिक किसानों ने अपना पंजीकरण कराया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. संजय कुमार ने किया।

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