लखनऊ। अरब सागर (Arabian Sea) से उठा बिपरजोय चक्रवात (Cyclone Biparjoy) 15 जून को सौराष्ट्र व कच्छ के तट से टकराने का अंदेशा है। इसकी वजह से पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लू का प्रभाव खत्म हो गया है, पूर्वी उत्तर प्रदेश से भी जल्द खत्म हो जाएगा। यूपी की राजधानी लखनऊ में भी चक्रवातीय प्रभाव दिखेगा और हवा ठंडी होगी।
पढ़ें :- Cyclonic storm Fangal : फेंगल तमिलनाडु में मचाएगा कोहराम, एयरलाइंस ने जारी की ट्रैवल एडवाइजरी
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र (Zonal Meteorological Center) के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह (Meteorologist Atul Kumar Singh) ने बताया कि अभी तक जो सिस्टम डेवलप हो रहा है, उसमें 18 से 21 जून तक पूर्वी भारत और उसकी सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के हिस्सों में मानसून के संकेत मिल सकते हैं। फिलहाल, लखनऊ में मानसून देर से राहत लेकर आएगा।
सबसे गर्म रात का रिकाॅर्ड 1974 में बना था
मौसम विभाग (Weather Department) के आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे गर्म रात का रिकाॅर्ड अभी तक 1974 में बना था। इस वर्ष 10 जून को न्यूनतम तापमान 33..9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ था। 13/14 जून की रात जून के इतिहास की 9वीं सबसे गर्म रात रही।
अतुल कुमार सिंह (Atul Kumar Singh) के मुताबिक, दिन में गर्म हवाओं के साथ धूल का उड़ना रात को भी गर्म बना रहा है। धूल की चादर बादलों को ढकती है। इससे जितनी ठंडक होनी चाहिए, वो नहीं हो पा रही है। गर्म हवाओं संग चढ़ता दिन का पारा तो झुलसा ही रहा है, बीते दो दिन से रात के पारे ने भी नींद उड़ा रखी है।
पढ़ें :- UP Winter Starts : पहाड़ों पर शुरू हुई बर्फबारी से तेजी से घटेगा तापमान; जानें- यूपी में कब से पड़ेगी कड़ाके की ठंड
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चक्रवात ‘बिपारजॉय’ को लेकर एक जानकारी साझा की है। आईएमडी (IMD) के मुताबिक बिपारजॉय चक्रवात मॉनसून के प्रवाह से पूरी तरह अलग हो चुका है। मौसम विभाग का कहना है कि बिपारजॉय वर्षा करने वाली प्रणाली या उसके प्रदर्शन पर कोई बुरा असर नहीं डालेगा। आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा (IMD chief Mrityunjay Mohapatra) ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चक्रवात ने अरब सागर के ऊपर भमध्यरेखा के पार प्रवाह बढ़ाकर मॉनसून को प्रायद्वीप के दक्षिणी हिस्सों में आगे बढ़ने में मदद पहुंचायी है।
उन्होंने कहा कि अब यह मानूसन प्रवाह से बिल्कुल अलग हो गया है। हमें मॉनसून के आगे बढ़ने या उसके प्रदर्शन पर चक्रवात द्वारा बड़े पैमाने पर असर डालने की उम्मीद नहीं है। वैज्ञानिकों ने पहले कहा था कि चक्रवात ने नमी और संवहन खींच लिया है और मॉनसून की तीव्रता पर असर डाला है। जिससे केरल में मॉनसूनी वर्षा में देरी हुई है। मौसम वैज्ञानिकों ने कहा था कि प्रायद्वीप के दक्षिणी हिस्सों से मॉनसून चक्रवात के बीत जाने के बाद ही आगे बढ़ेगा।
मॉनसून अपने सामान्य निर्धारित समय से करीब एक सप्ताह बाद आठ जून को भारत में केरल पहुंचा था। अनुसंधान से पता चलता है कि केरल पर मॉनसून के फैलने में देरी के कारण जरूरी नहीं है कि उत्तर पश्चिम भारत में भी मॉनसून में देरी हो ।
पाकिस्तान की ओर मुड़ा चक्रवात
चक्रवाती तूफान ‘बिपारजॉय’ (Cyclone Biparjoy) के पाकिस्तानी शहर कराची के करीब पहुंचने के बीच सिंध प्रांत की सरकार ने निचले तटीय इलाकों में रहने वाले करीब एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की प्रक्रिया को तेज़ करने के लिए सेना और नौसेना को बुलाया है। पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग (PMD) के नए परामर्श के मुताबिक, ‘बिपारजॉय’ बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान ‘बिपारजॉय’ (Cyclone Biparjoy) से कमज़ोर होकर गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है और पिछले छह घंटे के दौरान यह उत्तर – उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ा है। यह फिलहाल, कराची के दक्षिण से 410 किलोमीटर और थट्टा के दक्षिण से 400 किलोमीटर दूर है।