दार्जिलिंग: दार्जिलिंग (Darjeeling) में टूरिस्टों को लुभाने वाली दार्जिलिंग टॉय ट्रेन एक बार फिर टूरिस्टों (Tourists) के शुरू हो गई है। तमाम खासियतों को अपने में समेटे विक्टोरिया युग की अद्भुत लोको इंजीनियरिंग ट्रेन यूनेस्को की धरोहर श्रेणी में आती है।
पढ़ें :- Manmohan Singh Death: पीएम मोदी ने डॉ. मनमोहन सिंह के किए अंतिम दर्शन, अमित शाह और जेपी नड्डा भी रहे मौजूद
यात्रियों के लिए तीन महीने से अधिक समय बंद टॉय ट्रेन (toy train) बहाल कर दी गयी है। दार्जिलिंग हेरिटेज रेलवे (डीएचआर) की नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे (एनएफआर) ने यात्रियों के लिए इन पहाड़ियों पर चलने वाली टॉय ट्रेन को सोमवार की सुबह को फिर से हरी झंड़ी दिखायी। डीएचआर तीन भाप वाले इंजन को चलायेगा और सुबह नौ बजकर 25 मिनट से शाम चार बजे के बीच में यह छ्रेन चलेगी।
कुल 6 टॉय ट्रेनें फिलहाल चलेंगी जिनमें 4 स्टीम इंजन व बाकी के 2 डीजल इंजन वाली होंगी। डीजल जॉय राइड में प्रति यात्री खर्च कुछ कम होगा और केवल 1 हजार रुपये लगेंगे। वहीं स्टीम जॉय राइड में लगभग डेढ़ हजार रुपये खर्च होंगे। दार्जिलिंग – हिमालयन रेलवे की ओर से स्वाधीनता दिवस पर ही टाइम टेबल सामने लाया गया।
ट्रेन के सभी कोच प्रथम श्रेणी के हैं और और इसकी यात्रा में रेलवे संग्रहालय का दौरा करना भी शामिल है। इस टॉय ट्रेन की यात्रा के लिए देश के आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर टिकट बुक की जाती हैं। कोविड-19 के कारण डीएचआर की आवाजाही साढ़े तीन महीने से अधिक समय के लिए स्थगित कर दी गई थी।
कुछ दिनों पहले दार्जिलिंग में कोरोना संक्रमितों की संख्या काफी बढ़ गयी थी। इस कारण जिला प्रशासन की ओर से कुछ सावधानियां बरती जा रही थीं। दार्जिलिंग में घूमने आ रहे पर्यटकों के लिए भी कई शर्तें लागू की गयी थीं। कहा जा रहा था कि दार्जिलिंग में आने के लिए 3 दिन पुराना आरटीपीसीआर टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट अथवा डबल वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट आवश्यक है। ऐसे में जो विभिन्न स्थानों से घूमते हुए दार्जिलिंग में आने का सोच रहे थे, वे कुछ समस्या में पड़े थे। इस कारण ‘क्वीन ऑफ हिल्स’ में पर्यटकों की संख्या भी कुछ कम हुई थी। हालांकि पहाड़ का आकर्षण क्या कम किया जा सकता है ? ऐसे में धीरे – धीरे दार्जिलिंग में पर्यटकों की भीड़ पुनः होने लगी।