Darsh Amavasya 2022 : ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा मन का कारक होता है। मन की गति सकारात्मक दिशा में चलती रहे इसके लिए चंद्रमा की पूजा का उपाय बताया गया है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, कुछ विशेष तिथियों पर चंद्रमा की पूजा करने से जातक को सुख समृद्धि का अर्शिवाद प्राप्त होता है।दर्श अमावस्या के दिन चंद्रदेव विशेष पूजा का विधान है। उपवास की पौराणिक मान्यता भी है। इस दिन लोग गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करते हैं। जरूरतमंद लोगों को इस दिन दान देने का बहुत महत्व है। इस तिथि पर पूर्वजों के लिए प्रार्थना की जाती हैं।
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हिंदी पंचांग के मुताबिक दर्श अमावस्या आषाढ़ कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को पड़ रही है। यह तिथि 28 जून मंगलवार को पड़ रही है। इस दिन अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 52 मिनट तक है।
दर्श अमावस्या के दिन स्नान करने के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इसके अलावा इस दिन तुलसी पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।दर्श अमावस्या के दिन स्नान करने के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इसके अलावा इस दिन तुलसी पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।पूजा में शिव जी को बिल्व पत्र, धतूरा, भांग, आलू, चंदन, चावल अर्पित करें। भगवान शिव के साथ माता पार्वती और नंदी को गंगाजल और दूध चढ़ाएं।