लखनऊ। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या (Keshav Prasad Maurya) ने सपा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर बड़ा तंज किया है। उन्होंने कहा कि ‘बोया पेड़ बबूल का, आम कहां से होय’। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) एंड कंपनी के लिए ईडी, सीबीआई, घोटाले और छापे, कोई नई बात नहीं है। कैग की रिपोर्ट में भी सपा सरकार के दौरान कई बार अरबों रुपयों की घोटालों की पुष्टि हुई है। आय से अधिक संपत्ति सहित कई मामलों की जांच पहले से हो रही थी, लेकिन अब यह इसे चुनाव से जोड़कर जनता की सहानुभूति चाहते हैं।
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यह बातें उन्होंने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कहीं। उन्होंने कहा कि सपा का इतिहास बताता है कि कैसे इन लोगों ने भ्रष्टाचार कर खरबों की अवैध संपत्ति खड़ी की है और जब इसकी जांच होती है, तो कार्यवाही का बहाना बनाकर फर्जी सहानुभूति लेना चाह रहे हैं और अपने कुकर्मों पर परदा डालने के लिए छापों को लेकर भ्रम फैला रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का पूरा कार्यकाल साबित करता है कि वह प्रदेश के लिए क्यों अनुपयोगी हैं। यह सपा सरकार के दौरान हुए दंगे, घोटाले, भ्रष्टाचार, जंगलराज और गुंडागर्दी बताती है। खाद्यान्न घोटाला, खनन घोटाला, गोमती रिवर फ्रंट घोटाला, लैपटॉप घोटाला, भर्ती घोटाला, ईपीएफ घोटाला, समाजवादी पेंशन घोटाला, बेरोजगारी भत्ता घोटाला सहित लंबी फेहरिस्त है।
अखिलेश बताएं, उनके पास बेहिसाब संपत्ति कहां से आई: केशव
डिप्टी सीएम ने कहा कि अखिलेश (Akhilesh Yadav) बताएं कि उनके पास बेहिसाब संपत्ति कहां से आई है? उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता में रहते हुए अखिलेश यादव और उनके कुनबे के लोगों ने सरकारी खजाने को लूटा भी है और अपने करीबियों से लुटवाया भी है। प्रदेश का बच्चा-बच्चा जानता है कि अखिलेश ने खुद भी खुली लूट मचाई, कुनबे को भी लूट की छूट दी और करीबियों को भी इस लूट का हिस्सा बनाया। अब लूट को छिपाने के लिए झूठ लेकर आते हैं।
सत्ता में थे, तो लूट और अब जब जनता ने हटा दिया, तो झूठ का ले रहे सहारा: मौर्या
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या (Keshav Prasad Maurya) ने कहा कि अब जब भ्रष्टाचार करने वालों पर जांच में छापा पड़ रहा है, तो अखिलेश के माथे से 10 डिग्री की ठंड में भी पसीना आ रहा है। यह बताता है कि ‘किस चोर की दाढ़ी में तिनका’ है। सत्ता में रहते हुए सपा सरकार में कोई ऐसा विभाग नहीं था, जिसमें इस कुनबे ने खुली लूट न मचाई हो, जो लोग 2017 से पहले बड़े पदों का दुरुपयोग कर पैसे ‘छापा’ करते थे, वो आजकल ‘छापा’ शब्द कान में आते ही ‘छटपटाने’ लगते हैं। सत्ता में थे, तो लूट और अब जब जनता ने सत्ता से हटा दिया, तो झूठ के अलावा अखिलेश को कुछ नहीं सूझता।