Dhanteras 2022: सनातन धर्म में पूजा अर्चना का विशेष महत्व है। सनातन धर्मियों में किसी भी कार्य की शुरुआत करने के पूर्व देवी देवताओं की विशेष पूजा करने परंपरा सदियों पुरानी है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जीवन में समृद्धि और विकास के लिए धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा करने की परंपरा है। सनातन जीवन शैली में माता लक्ष्मी की पूजा की विशेष पूजा धनतेरस के दिन होती है। शास्त्रों में धनतेरस के त्योहार का विशेष महत्व बताया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन जो व्यक्ति पूरे विधि- विधान से माता लक्ष्मी की पूजा करता है उसके जीवन मां लक्ष्मी कृपा बनी रहती है ,और धन धान्य की कोई कमी नहीं होती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, धनतेरस का त्योहार हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस त्योहार से जगमगाते दीपों का त्योहार दिवाली की शुरुआत हो जाती है। शास्त्रों के अनुसार, धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि देव की विशेष पूजा की जाती है। धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की भी पूजा की जाती है। आइये जानते इस साल धनतेरस के त्योहार की तिथि और शुभ मुहूर्त बारे में।
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धनतेरस तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 22 अक्टूबर, शनिवार को शाम 06 बजकर 01 मिनट पर होगी और 23 अक्टूबर, रविवार को शाम 06 बजकर 04 मिनट पर अंत होगा। इसलिए उदया तिथि को आधार मानते हुए धनतेरस का त्योहार 23 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त 23 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 43 मिनट से 06 बजकर 06 मिनट तक रहेगा।
धनतेरस का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार धनतेरस के दिन नई वस्तुओं की खरीददारी को बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन धातुओं को खरीदने की परंपरा है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, धनतेरस के दिन खरीदी गई वस्तुओं का क्षय नहीं होता है।