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डोनाल्ड ट्रंप ने तुलसी गेबार्ड को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक नियुक्त किया, खुफिया तंत्र की कमान संभालने वाली पहली हिंदू-अमेरिकी बनीं

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (America’s Newly Elected President Donald Trump) अपने दूसरे कार्यकाल में कुर्सी संभालने से पहले फुल एक्शन में नजर आ रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भारतीय मूल की तुलसी गेबार्ड (Tulsi Gabbard) को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (DNI ) नियुक्त किया है। इसके साथ ही, वह देश के खुफिया तंत्र की कमान संभालने वाली पहली हिंदू-अमेरिकी बन गई हैं।

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बता दें कि ट्रंप 20 जनवरी को सत्ता संभालेंगे और फिलहाल अपनी कोर टीम बनाने और शीर्ष अधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया में हैं, जो उनकी सरकार के साथ और उनके लिए काम करेंगे। रिपब्लिकन पार्टी (Republican Party) के उम्मीदवार और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने हाल ही में संपन्न अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024 (US Presidential Election 2024) में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस (Democratic Party candidate Kamala Harris) को हराया।

जानें तुलसी गेबार्ड कौन हैं?

तुलसी गेबार्ड (Tulsi Gabbard) का जन्म 12 अप्रैल, 1981 को प्रशांत महासागर में अमेरिकी समोआ के मुख्य द्वीप टुटुइला में हुआ था। उनकी मां ने पहले हिंदू धर्म अपना लिया था और तुलसी सहित अपने सभी बच्चों का नाम हिंदू परंपराओं के अनुसार रखा था। जब वह 2 साल की थीं, तब उनके माता-पिता हवाई चले गए। कुछ सालों तक घर पर ही पढ़ाई करने के बाद, तुलसी गेबार्ड (Tulsi Gabbard) ने फिलीपींस में एक ऑल-गर्ल्स बोर्डिंग स्कूल में दाखिला लिया। अपने बचपन के दिनों में तुलसी ने कला, मार्शल आर्ट आदि सीखी। वह हिंदू आध्यात्मिकता की ओर भी आकर्षित हुई।

तुलसी गेबार्ड का सैन्य करियर

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तुलसी गेबार्ड (Tulsi Gabbard) 2003 में अमेरिकी सेना के हवाई आर्मी नेशनल गार्ड में भर्ती हुईं। अपनी सैन्य सेवा के हिस्से के रूप में, उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल के दौरान इराक पर अमेरिका के आक्रमण के दौरान इराक और कुवैत में भी सेवा की है। अमेरिकी सेना में अपनी एक दशक की सेवा के दौरान उन्हें कॉम्बैट मेडिकल बैज और सराहनीय सेवा पदक मिला।

राजनीतिक करियर

वर्ष 2002 में, तुलसी ने लीवार्ड कम्युनिटी कॉलेज की पढ़ाई छोड़ दी और हवाई हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के लिए चुनाव में भाग लिया। वह प्रतिनिधि के रूप में निर्वाचित होने वाली सबसे कम उम्र की महिला बन गईं। बाद में गेबार्ड ने हवाई पैसिफिक यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। जब उन्होंने अपना राजनीतिक करियर शुरू किया, तब तुलसी गेबार्ड डेमोक्रेटिक पार्टी का हिस्सा थीं। उन्होंने 2013 से 2021 तक अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में हवाई का प्रतिनिधित्व किया। 2020 में, तुलसी गेबार्ड अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी (Democratic Party) के नामांकन की दौड़ में शामिल हुईं, लेकिन वह असफल रहीं।

वह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) की आलोचक बन गईं और 2022 में रिपब्लिकन पार्टी (Republican Party) में शामिल होने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी (Democratic Party) छोड़ दी। इस साल अगस्त में, उन्होंने डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) को फिर से चुनाव लड़ने के लिए समर्थन दिया।

क्या तुलसी गबार्ड भारतीय मूल की हैं?

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नहीं, वह समोअन-अमेरिकी मूल की हैं। उनकी मां ने हिंदू धर्म अपना लिया और वह खुद को हिंदू मानती हैं।

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