लखनऊ: कोरोना का यह संकटकाल नान कोविड मरीजों के लिए भी कम मुसीबत भरा नहीं है। कोविड-19 के खतरे के चलते ज्यादातर डाक्टरों ने ओपीडी में मरीजों को देखना बंद कर दिया है। ऐसे में मरीज परेशान हैं कि वे अपना इलाज कैसे कराएं। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) इस दौर में बड़ी भूमिका निभा रही है। टेली कंसल्टेंसी के माध्यम से केजीएमयू के 23 से अधिक विशेषज्ञ चिकित्सक लोगों को परामर्श दे रहे हैं। 10 अप्रैल से अब तक विशेषज्ञों ने टेली मेडिसिन के माध्यम से 1500 से अधिक लोगों को चिकित्सकीय परामर्श दिया है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर केजीएमयू की स्पेशियलिटी ओपीडी ई संजीवनी ऐप पर हाल ही में शुरू की गई थी। केजीएमयू के विशेषज्ञ चिकित्सक सोमवार से शनिवार तक सुबह नौ से दोपहर दो बजे तक परामर्श दे रहे हैं। केजीएमयू के मेडिसिन, रेस्पिरेटरी मेडिसिन, स्त्री एवं प्रसूति रोग, हृदय रोग, सर्जरी, मनोचिकित्सा, त्वचा रोग, हड्डी एवं जोड़ रोग, नेत्र रोग, कान नाक एवं गला रोग और दंत रोग सहित अन्य विशेषज्ञों द्वारा परामर्श दिया जा रहा है।
केजीएमयू की नोडल इंजार्च टेली मेडिसिन हब डॉ. शीतल वर्मा बताती हैं कि कोरोना काल की शुरूआत से अब तक करीब एक लाख से ज्यादा मरीजों को ई संजीवनी ओपीडी के माध्यम से देखा जा चुका है। हाल ही में केजीएमयू की स्पेशलिस्ट ओपीडी शुरू की गई है। केजीएमयू की जितनी स्पेशियलिटी ओपीडी थी, उन्हें ई संजीवनी पर शिफ्ट कर दिया गया है।
डॉ. शीतल के अनुसार ज्यादातर केसेस कोरोना से संबंधित आ रहे हैं। हम उन्हें ई प्रीस्क्रिप्शन के माध्यम से उपचार दे रहे हैं। हर मरीज का व्यक्तिगत रूप से उपचार होने के कारण लाभ लेने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसके अलावा कैंसर और गायनी आदि से संबंधित भी मरीज ई संजीवनी के माध्यम से लाभ उठा रहे हैं।
7 लाख 65 हजार लोगों ने चिकित्सकीय परामर्श लिया
प्रदेश में पिछले साल जुलाई में ई संजीवनी टेली मेडिसिन एप्लीकेशन के माध्यम से टेली कन्सलटेशन की शुरूआत की गई थी। प्रदेश में अब तक सात लाख 65 हजार से अधिक लोगों को टेली कंसल्टेशन के माध्यम से चिकित्सकीय परामर्श दिया गया है। अगर सिर्फ इस माह अप्रैल की बात करें तो अब तक 75,857 लोगों ने इस सुविधा का लाभ उठाया है।