नई दिल्ली। यूरोप के वित्तीय नियामकों ने भारत के छह प्रमुख आर्थिक संस्थानों को अयोग्य ठहरा दिया है। यूरोपीय संघ (ईयू) की फाइनेंशियल मार्केट्स अथॉरिटी ( ESMA) और बैंक ऑफ इंग्लैंड ने जिन प्रमुख भारतीय संस्थाओं की मान्यता समाप्त कर दी है।
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उनमें क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (CCIL), एनएसई क्यियरिंग लिमिटेड (ASCCL) और इंडियन क्लियरिंग कॉर्प (ICCL) जैसे बड़े नाम शामिल हैं। बता दें इन संस्थानों के माध्यम से फॉरेन एक्सचेंज, डेरिवेटिव्स, सरकारी बॉन्ड और प्रतिभूतियों के ट्रेड का निपटान किया जाता है। यूरोपीय नियामकों के इस फैसले से भारत में काम कर रहे यूरोपीय बैंक संकट में आ गए हैं।
बैंकिंग सेक्टर के जानकारों के मुताबिक भारतीय आर्थिक संस्थाओं को अयोग्य घोषित करने का फैसला भारतीय और विदेशी नियामकों के बीच गतिरोध के कारण लिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक बैंकर का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक और सेबी इन प्रमुख भारतीय संस्थानों को विदेशी बाजार नियामकों की जांच और परीक्षण के दायरे में आने देने में सहज नहीं है। उनका मानना है कि यूरोपियन नियामकों ने यह फैसला अपने अधिकारक्षेत्र से बाहर निकलकर लिया है।