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प्राचीन हिंदू धर्म में भी लेजबियन्स, गे, ट्रांसजेंडरों को विवाह करने की थी अनुमति, न थोपें व्यक्तिगत एजेंडा: उर्फी जावेद

By संतोष सिंह 
Updated Date

मुंबई। एक्ट्रेस ओटीपी बिग बॉस 16 प्रतिभागी उर्फी जावेद (Urfi Javed) अक्सर अपने अलग-अलग कपड़ों के लिए मशहूर हैं। उर्फी अपने बेबाक स्वभाव और विवादित बयान को लेकर मीडिया की सुर्खियों में बनी रहती हैं। अब उन्होंने बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) की समलैंगिक विवाह (Same-sex marriage)  पर टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी है। सांसद ने राज्यसभा में अपने भाषण में समलैंगिक विवाह (Same-sex marriage) को कानूनी मान्यता देने का विरोध किया।

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सुशील कुमार (Sushil Kumar) ने राज्यसभा में शून्यकाल में कहा कि शादी पवित्र है और केवल एक जैविक पुरुष और महिला के बीच संबंध के रूप में है। उर्फी ने इस बयान का विरोध करते हुए एक लंबा नोट लिखा है। उसने लिखा कि तो आप लोगों को किसी ऐसे व्यक्ति से शादी करने के लिए मजबूर करना चाहते हैं जिसे वे पसंद नहीं करते हैं और नाखुश हैं क्योंकि आपको लगता है कि यह अप्राकृतिक है?

प्राचीन हिंदू धर्म (Even in ancient Hinduism) में, समलैंगिकों (Lesbians), समलैंगिकों (Gays), ट्रांसजेंडरों (Transgenders) को न केवल स्वीकार किया गया बल्कि शादी करने की भी अनुमति दी गई। अपने बारे में जानें पहले धर्म। लोगों पर अपना व्यक्तिगत एजेंडा मत थोपो। उन्होंने आगे कहा कि लोगों को किसी के हस्तक्षेप के बिना शादी करने, प्यार करने, सहमति से यौन संबंध बनाने की अनुमति दी जानी चाहिए।

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उर्फी जावेद (Urfi Javed)  यहीं तक नहीं रुकीं। उन्होंने अपनी दूसरी स्टोरी पर लिखा- सभी को उन लोगों से शादी, प्यार और सेक्स करने की इजाजत होनी चाहिए, जिनके साथ वो उनकी सहमति से करना चाहते हैं। इसमें किसी दूसरे को दखल नहीं देना चाहिए। आप अगर किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं, कोई क्राइम नहीं कर रहे हैं, तो फिर परेशानी क्या है? खुद भी जिएं और दूसरो को भी जीने दें। उर्फी ने अपनी स्टोरी में इस बात पर भी जोर दिया कि इन सब चीजों के बजाए देश में बढ़ रहे रेप केस और सीरियस मुद्दों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।

बता दूं कि 2005 के बाद से भारत में बलात्कार के मामलों में 70 फीसदी की वृद्धि हुई है। उसके बारे में कुछ क्यों नहीं करते? ये राजनेता केवल आप लोगों को वास्तविक मुद्दों से भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। बलात्कार के मामलों में न्याय पाने में हमेशा के लिए लग जाता है, बलात्कार के मामलों में जमानत मिलना भी आसान है। इस बारे में बात क्यों नहीं करते?

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