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Footballer Pele Biography : चाय बनाने वाला कैसे बना फुटबॉल का शहंशाह? जानें उनके संघर्ष भरे जीवन की कहानी

By संतोष सिंह 
Updated Date

Footballer Pele Biography : हाल ही में संपन्न फीफा विश्वकप 2022 (Fifa World Cup 2022) के दौरान हमेशा की तरफ पेले का नाम काफी सुर्ख़ियों में रहा, लेकिन इस बार उनके रिकॉर्ड और फुटबॉल के जीवन से ज्यादा चर्चा उनके स्वास्थ्य को लेकर हुई। ब्राजील के महान फुटबॉलर पेले पिछले कुछ समय से जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। कैंसर के मरीज पेले कुछ महीनों से उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही है।

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फुटबॉल को कई दशकों पहले अलविदा कहने वाले ब्राज़ील के पेले का गुणगान आज भी फुटबॉल की दुनिया में सबसे अधिक सुनने को मिलता हैं। इसका मतलब पेले को आम खिलाड़ी नहीं रहे, बल्कि वो फुटबॉल के शहंशाह कहलाए गए। फुटबॉलर पेले को दुनियाभर में ब्लैक डायमंड और ब्लैक पर्ल के नाम से पहचान मिली थी। चलिए आज हम आपको उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें बताते हैं, जो आपको भी लाइफ में कुछ बड़ा करने के लिए प्रेरित करेगी।

फुटबॉलर पेले का जीवन परिचय

पेले का जन्म 23 अक्टूबर 1940 को ब्राजील के ट्रेस कोरकोएस शहर में हुआ था। पेले के पिता का नाम डॉनडीनहो था। जबकि उनकी माता का नाम डोना सेलेस्टी अरांटेस था। पेले (Pele) का पूरा नाम एडसन अरांटीस डो नैसीमेंटो (Edson Arantes Do Nacimento) है। लेकिन इन्हे हमेशा पेले के नाम से ही फुटबॉल जगत में पहचान मिली। फुटबॉल को कई दशकों पहले अलविदा कहने वाले ब्राज़ील के पेले का गुणगान आज भी फुटबॉल की दुनिया में सबसे अधिक सुनने को मिलता हैं।

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पेले ने अपने देश ब्राजील को तीन बार विश्व चैंपियन (Brazil Three Times World Champion) बनाया। उनके रहते ब्राजील ने 1958, 1962 और 1970 में विश्व कप जीता। फुटबॉल के इस कोहिनूर हीरे ने अपने करियर में 1000 से अधिक गोल करने का रिकॉर्ड कायम किया। फुटबॉल की दुनिया में शायद ही कोई इस महान खिलाड़ी का रिकॉर्ड तोड़ पाएगा।

बता दें पेले के पिता भी फुटबाल के खिलाड़ी रहे थे। इसलिए बचपन से ही पेले की भी फुटबॉल के प्रति काफी दीवानगी थी। लेकिन वो इसके लिए ट्रेनिंग नहीं ले पाए। इसके पीछे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति थी। पेले का बचपन गरीबी में बीता था। उनके परिवार की आमदनी से घर खर्चा चलना भी बेहद मुश्किल था। ऐसे में पेले की पढ़ाई और फुटबॉल की कोचिंग तो बहुत दूर की बात थी। लेकिन पेले को एक फुटबॉल खिलाड़ी बनकर अपने पिता का सपना पूरा करना था। ऐसे में तमाम मुश्किलों के बावजूद पेले ने फुटबॉल जगत में अपनी एक विशेष छाप छोड़ी।

बता दें जब उनको बचपन में पैसो के चलते उनके माता-पिता फुटबाल की कोचिंग में नहीं भेज पाए तो उन्होंने खुद मेहनत करनी शुरू कर दी। एक्स्ट्रा पैसों के लिए पेले ने चाय की दूकान पर काम करना शुरू कर दिया था। उन्होंने जुराब में रुई डालकर फुटबॉल की प्रैक्टिस की। परिवार की गरीबी को उन्होंने अपने करियर के आगे हावी नहीं होने दिया। और बिना घर वालों पर बोझ बनकर खुद अपनी मेहनत और लगन से फुटबॉल के किंग कहलाए। पेले ने दुनियां भर के लोगों को अपनी खेल प्रतिभा प्रभावित किया जिससे लोगों का फ़ुटबॉल की ओर झुकाव बढ़ा। आज के समय में फुटबॉल के कई बेहतरीन खिलाड़ी भी उन्हें अपना प्रेरणा स्रोत मानते हैं।

17 साल की उम्र में ब्राज़ील को बनाया चैंपियन

पेले को फुटबॉल का किंग कहा जाता है। पेले ने अपने फुटबॉल करियर में कई बड़े रिकॉर्ड बनाए जो आज तक कोई दूसरा खिलाड़ी नहीं तोड़ पाया। 64 साल पहले यानी 1958 में पेले ने ब्राजील के लिए महज 17 साल की उम्र में बड़ा कमाल करके दिखाया था। 1958 के सेमीफाइनल में उन्होंने फ्रांस के खिलाफ गोलों की हैट्रिक जमा दी थी। फाइनल में भी उन्होंने ही स्वीडन के खिलाफ दमदार गोल कर अपनी टीम को चैंपियन बनाया था। इस 17 साल के लड़के ने आगे चलकर पूरी दुनिया को अपना कायल बना लिया।

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सबसे ज्यादा गोल करने का रिकॉर्ड

फुटबॉल को कई दशकों पहले अलविदा कहने वाले ब्राज़ील के पेले का गुणगान आज भी फुटबॉल की दुनिया में सबसे अधिक सुनने को मिलता हैं। अपने करियर में उन्होंने 760 अधिकृत गोल किये जिनमें से 541 लीग चैम्पियनशिपों में किये गए थे, जिसके कारण वे सर्वकालीन सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी माने जाते हैं। कुल मिलाकर पेले ने 1363 खेलों में 1281 गोल किए। फुटबॉल जगत में शायद ही कोई दूसरा खिलाड़ी पेले के इस रिकॉर्ड की बराबरी कर पाएगा। पेले अपनी श्रेष्ठ ड्रिबिंग और पास, अपनी चीते सी रफ्तार और सिर से मारने की क्षमता के लिए काफी जाने जाते हैं।

यह खास रिकॉर्ड भी पेले के नाम

पेले के नाम फुटबॉल में कई बड़े रिकॉर्ड नाम हैं। ब्लैक पर्ल के नाम से मशहूर इस ब्राज़ीलियाई खिलाड़ी ने अपने पहले ही विश्वकप में तहलका मचा दिया था। पेले वर्ल्ड कप में गोल करने के साथ हैट्रिक लगाने वाले भी सबसे युवा फुटबॉलर हैं। 1958 विश्व कप के सेमीफाइनल में पेले ने फ्रांस के खिलाफ हैट्रिक लगाई थी। उस समय उनकी आयु मात्र 17 साल थी। अब तक पेले के अलावा कोई भी फुटबॉलर 19 वर्ष से कम आयु में वर्ल्ड कप में हैट्रिक गोल नहीं कर पाया।

चार फीफा विश्वकप में लिया हिस्सा

बता दें पेले ने फीफा विश्वकप में भी कई बड़े कीर्तिमान स्थापित किए थे। उन्होंने पहले बार 1958 के विश्वकप में भाग लिया था। उसके बाद 1962,1966 और 1970 में उन्होंने अपनी टीम के लिए पूरी जान लगा दी थी। हालांकि साल 1966 में वो अपनी टीम को खिताब नहीं दिला पाए। पेले ने चार विश्वकप में कुल 14 मैचों में हिस्सा लिया था, जिसमें उन्होंने कुल 12 गोल किए। इसके अलावा विश्वकप में सबसे कम उम्र में हैट्रिक का रिकॉर्ड आज तक बरक़रार हैं।

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