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Pervez Musharraf passes away : पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का निधन

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ (Former Pakistan President Pervez Musharraf) का शुक्रवार को निधन गया है। परवेज़ मुशर्रफ़ काफी लंबे समय से बीमार थे।  पाकिस्तान की मीडिया के मुताबिक उनकी तबीयत खराब होने के कारण उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। भारत से हुई कारगिल जंग के लिए पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ (Former Pakistan President Pervez Musharraf)को जिम्मेदार ठहराया जाता है।

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पाकिस्तान के पूर्व परवेज मुशर्रफ के निधन की अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की

पाकिस्तान के पूर्व परवेज मुशर्रफ के निधन की अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुक्रवार को दुबई के अस्पताल में मुशर्रफ का निधन हो गया। परवेज की उम्र 78 साल थी और वो लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे। उन्हें कैंसर था। मुशर्रफ 2001 से 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे। इसके पहले वो आर्मी चीफ भी रहे। करगिल की जंग के लिए मुशर्रफ को ही सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया जाता है। उन्होंने नवाज शरीफ का तख्तापलट किया था।

परवेज़ मुशर्रफ़  अक्तूबर 1999 में सैन्य विद्रोह कर पाकिस्तान की सत्ता पर  हुए थे काबिज

बता दें कि जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ ( Pervez Musharraf) ने अक्तूबर 1999 में सैन्य विद्रोह कर पाकिस्तान की सत्ता पर काबिज हुए थे। मुशर्रफ़ पर संविधान का उल्लंघन कर साल 2007 में आपातकाल घोषित करने के लिए राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाया गया था। मुशर्रफ़ ने देश में आपातकाल घोषित कर संविधान को निलंबित कर दिया था।

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इस्लामाबाद की विशेष न्यायालय ने 31 मार्च, 2014 को देशद्रोह के एक मामले में पाकिस्तान के पूर्व सैनिक राष्ट्रपति जनरल (रिटायर्ड) परवेज़ मुशर्रफ़ को अभियुक्त बनाया था। वह पाकिस्तान के इतिहास में पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिनके विरुद्ध संविधान की अवहेलना का मुक़दमा चला। बता दें कि साल 2013 के चुनावों में जीत के बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) सरकार में आई। सरकार आने के बाद पूर्व सैनिक राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ के ख़िलाफ़ संविधान की अवहेलना का मुक़दमा दायर किया गया था।

मार्च 2016 में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर मुशर्रफ़ विदेश चले गए

पूर्व सैन्य राष्ट्रपति के ख़िलाफ़ एक गंभीर देशद्रोह मामले की सुनवाई करने वाली विशेष न्यायालय के चार प्रमुख बदले गए थे। अभियुक्त परवेज़ मुशर्रफ़ केवल एक बार विशेष न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत हुए जब उन पर आरोप लगाया गया था। उसके बाद से वो कभी कोर्ट में पेश नहीं हुए। इस बीच मार्च 2016 में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर मुशर्रफ़ विदेश चले गए।तत्कालीन सत्ताधारी पार्टी मुस्लिम लीग (नून) ने एक्ज़िट कंट्रोल लिस्ट से उनका नाम हटा लिया था जिसके बाद उन्हें देश छोड़कर जाने की अनुमति दे दी गई थी।

अर्श से फ़र्श पर आए थे मुशर्रफ़

जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ ने अक्तूबर 1999 में सैन्य विद्रोह कर पाकिस्तान की सत्ता अपने हाथ में ले ली थी। 2001 के जून में जनरल मुशर्रफ़ ने सैन्य प्रमुख रहते हुए स्वयं को राष्ट्रपति घोषित कर दिया था। 2002 के अप्रैल में एक विवादास्पद जनमत संग्रह करवाकर मुशर्रफ़ और पांच साल के लिए राष्ट्रपति बन गए।

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2008 के अगस्त में मुशर्रफ़ ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफ़ा दे दिया

2007 के अक्तूबर-नवंबर में मुशर्रफ़ ने फिर से राष्ट्रपति चुनाव जीता। मगर उनके चुनाव को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। इसके बाद उन्होंने देश में आपातकाल लागू कर दिया और मुख्य न्यायाधीश जस्टिस इफ़्तिख़ार चौधरी करी जगह एक नया मुख्य न्यायाधीश नियुक्त कर दिया जिसने उनके चुनाव पर मुहर लगा दी। 2008 के अगस्त में मुशर्रफ़ ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफ़ा दे दिया। उन्होंने ये फ़ैसला दो मुख्य सत्ताधारी पार्टियों के उनके ख़िलाफ़ महाभियोग लाने पर सहमति के बाद इस्तीफ़े का फ़ैसला किया।

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