कर्नाटक। एक मासूम दलित परिवार(Dalit Boy) का लड़का जिसने 21वीं सदी में जन्म लिया है। उसके मंदिर जानें पर उसके परिवार के ऊपर 35 हजार रुपये का जुर्माना लगा है। चार साल का ये अबोध बालक जिसे अभी पता भी नहीं होगा कि वो किस जाति का है उसे जातिवाद (Casteism) जैसे हमारे देश की सबसे बड़ी सामाजिक समस्या का सामना करना पड़ा है।
पढ़ें :- चुनावी रण में उतरे राहुल गांधी, वीडियो शेयर कर बोले-ये है केजरीवाल जी की ‘चमकती’ दिल्ली, पेरिस वाली दिल्ली
मामला कर्नाटक का है। दलित परिवार के एक बच्चे(Child Birthday) का जन्मदिन था। वह इस खास अवसर पर पूजा करने के लिए गया। कर्नाटक(Karnatak) के कोप्पल के मियापुरा गांव में एक दलित व्यक्ति के 4 साल के बेटे के जन्मदिन पर मंदिर में प्रवेश करने के लिए 25,000 रुपये जुर्माना लगाया गया।
साथ ही उसे मंदिर परिसर को सैनिटाइज (Sanitize) करने के लिए 10,000 रुपये का भुगतान करने के लिए भी कहा गया। हालांकि, जैसे ही इसकी सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को मिली तो कार्रवाई भी की गई। तहसीलदार (Tahsil dar) सिद्धेश के हवाले से बताया कि बाद में, गांव के बुजुर्गों ने माफी मांगी और कहा कि यह गलतफहमी के कारण हुआ।