लखनऊ। साल 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत हासिल हुआ। करीब 14 साल के बाद यूपी में भाजपा की वापसी हुई। ऐसे में ये सवाल उठना लाजिमी था की भाजपा किसको प्रदेश की बागडोर देगी। काफी कयासों के बाद हिंदुवादी नेता की छवि और बेवाक राय रखने वाले गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ के नाम पर मुहर लगी।
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योगी आदित्यनाथ को सीएम बनाए जाने के ऐलान के बाद हर कोई चकित हो गया लेकिन उनके नेतृत्व में सरकार के गठन होते हुए उन्होंने ‘अपराध मुक्त’ प्रदेश बनाने का संकल्प लिया। योगी के इस संकल्प के बाद प्रदेश में अपराधियों पर सरकार का हंटर चलना शुरू हुआ। धीरे—धीरे एक—एक कर अपराधी सलाखों के पीछे पहुंच गए या फिर एनकाउंटर में मार दिए गए।
योगी सरकार के इस कदम से अपराधियों में दहशत बैठ गई। लिहाजा, कई बड़े माफिया प्रदेश छोड़ने पर मजबूर हो गए। योगी सरकार के नेतृत्व में आज सरकार के चार साल हो गए हैं। चार साल के दौरान 135 कुख्यात अपराधी एनकाउंटर में मार दिए गए हैं। योगी सरकार का ‘अपराध मुक्त’ का संकल्प पूरा होता दिख रहा है।
मुख्तार जैसे बाहुबलियों की धमक हुई कम
प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद पूर्वांचल के बाहुबली मुख्तार अंसारी की धमक भी कम हो गई। सरकार मुख्तार और उसके गुर्गों की अवैध संपत्तियों को चिन्हित करके एक के बाद एककर ढहा दिया। वहीं, मुख्तार मौजूदा समय पंजाब की जेल में बंद है। योगी सरकार मुख्तार को यूपी लाने की कोशिश में जुटी हुई है लेकिन पंजाब सरकार हर बार कोई न कोई रोड़ा लगा देती है, जिसके कारण मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया।
विकास दुबे से लेकर कई अपराधियों की संपत्तियां हुईं ध्वस्त
प्रदेश में ‘अपराध मुक्त’ का संकल्प लेने वाले सीएम योगी अपराधियों की करीब 750 करोड़ की अवैध संपत्तियों पर जमींदोज कर दिया। इमसें मुख्तार, विकास दुबे, सुनील राठ्ठी, अतीक अंसारी जैसे कई नाम शमिल हैं। वहीं, जौनपुर के पूर्व बाहुबली सांसद धनंजय सिंह की अवैध संपत्तियों पर भी सरकार का शिकंजा शुरू हो गया है। लखनऊ पुलिस ने हाल ही में उनकी अवैध संपत्तियों की लिस्ट जारी की थी। इससे यह स्पष्ट है कि उन पर भी योगी सरकार का हंटर चलेगा।
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रिपोर्ट—प्रिंस राज