Gajakesari Yoga : सफलता चाहने वालों के लिए मेहनत बहुत जरूरी होती है। जीवन में कठिन परिश्रम के बाद ही सफलता मिलती है। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि कुछ जातक की कुंडली में बने विशेष योग जातक को असाधारण सफलता दिलाते है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में बने गज केसरी योग को बहुत शुभ योग माना गया है। आइये जानते है कुंडली में बने गजकेसरी योग के प्रभाव के बारे में।
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कुंडली में गजकेसरी योग चंद्रमा और गुरु के सहयोग से बनता है या फिर यदि चंद्रमा और गुरु एक साथ आ जाएं तो गजकेसरी योग का निर्माण होता है। कुंडली में चंद्रमा और गुरु की शुभता जितनी अधिक होगी यह योग उस व्यक्ति को उतना अधिक लाभान्वित करेगा। अंतरिक्ष में जब भी गजकेसरी योग बनता है, तब उन लोगों के लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, जिनकी कुंडली में पहले से यह योग मौजूद है, जिसके कारण व्यक्ति द्वारा किये गए प्रयासों में उन्हें सफलता मिलती है।
ऐसे बनता है गजकेसरी योग
गुरु और चंद्रमा जब किसी राशि में एक साथ बैठे होते हैं या फिर गुरु जिस राशि में होते हैं उस राशि से चौथे, सातवें और दसवें घर में चंद्रमा होते हैं तो गजकेसरी योग बनता है। यह योग जिस व्यक्ति की कुंडली में होता है वह गुणवान, ज्ञानी और उत्तम गुणों वाला होता है।
गजकेसरी का अर्थ
गजकेसरी का अर्थ है कि राजा के समान हाथी पर सवार हो। हाथी जो कि इंद्र का वाहन है। चंद्रमा कालपुरुष की कुंडली में सुख भाव का स्वामी है। वहीं, गुरु धर्म और मोक्ष भाव का स्वामी है। इस प्रकार सुख और धर्म मिलकर अच्छा फल देते हैं। इस प्रकार गजकेसरी को बनाने वाले ग्रह अगर मजबूत हैं और दूषित ग्रहों से दूर है तो निश्चित ही सकारात्मक परिणाम मिलेगा।