लखनऊ : हिंदू धर्म में ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष में आने वाले महत्वपूर्ण व्रत और त्यौहार में गंगा दशहरा का विशेष महत्व है। इस वर्ष गंगा दशहरा 20 जून रविवार को पड़ रहा है। शास्त्रों के अनुसारए ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर ऋषि भागीरथी के अथक प्रयासों से मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। उस समय से ही प्रत्येक वर्ष के ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा मनाए जाने की परंपरा चली आ रही है।
पढ़ें :- 09 जनवरी 2025 का राशिफलः नई योजनाओं पर काम शुरू करने का है सही समय...जानिए क्या कहते हैं आपके सितारे?
गंगा में स्नान करने से सारे पाप कर्मों का नाश होता है
ऐसी पौराणिक मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन मां गंगा की पूजा करने और गंगा में स्नान करने से सारे पाप कर्मों का नाश होता है। जो भी व्यक्ति विधि.विधान अनुसार किसी भी पवित्र नदी या कुंड में स्नान कर अपनी श्रद्धा अनुसार दान करता है इससे न केवल अपने सभी पापों से मुक्ति मिलती है बल्कि उसे कई महायज्ञों के समान पुण्य भी प्राप्त होता है लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी को देखते हुए गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान कदापि ना करें।
शुभ मुहूर्त
दशमी तिथि आरंभ : 19 जून 2021 को शाम 06 बजकर 50 मिनट पर
दशमी तिथि समापन : 20 जून 2021 को शाम 04 बजकर 25 मिनट पर रहेगा
पढ़ें :- Apple के सह-संस्थापक अरबपति स्टीव जॉब्स की पत्नी महाकुंभ में संन्यासियों की तरह 17 दिन करेंगी कल्पवास
गंगा दशहरा की पूजा विधि
इस समय हम कोरोना काल से गुजर रहे है। ऐसे हम सबको सोशल दूरी का पालन करते हुए धार्मिक मान्यताओं का पालन करना चाहिए। कोरोना काल में गंगा दशहरा मनाने के लिए गंगा तट पर ना जाए। घर पर रहकर ही मां गंगा की पूजा अर्चना कर सकते हैं। सुबह जल्दी उठकर सूर्य देव को प्रणाम का स्नान करें। स्नान के पानी में गंगा जल एक चम्मच मिला लें। यदि गंगा जल घर में ना हो तो मन ही मन मां गंगा को स्मरण करें। स्नान करते हुए मां गंगा को प्रणाम करें और आरती गाए।