Ganga Saptami 2024 : सनातन संस्कृति के लिए मां गंगा का स्थान प्राण तत्व का है। गंगा सप्तमी यह वह तिथि है जिस क्षण महर्षि जाहनु ने गंगा को मुक्त किया था। इसी आधार पर गंगा का एक नाम जाह्नवी हुआ तथा यही तिथि गंगा सप्तमी के रूप में मनाने की शुरुआत हुई। इस दिन माँ गंगा स्वर्ग लोक से शिव भगवान की जटाओ में उतरी थी इसलिये इस दिन को गंगा सप्तमी के रूप में मनाया जाता है।। उसके बाद शिवजी ने गंगा माँ को पृथ्वी पर छोड़ा था जिससे पृथ्वी गंगा माँ के वेग को सहन कर सके। इस दिन स्नान करके पवित्र हो माँ गंगा व शिवजी भगवान का पूजन किया जाता हैं।। मोक्ष की देवी माँ गंगा में गंगा सप्तमी को गंगा स्नान करने से विशेष फल मिलता हैं। गंगा सप्तमी के दिन माँ गंगा मन्दिरों व गंगा जी में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है।
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इस वर्ष की गंगा सप्तमी की शुरुआत 14 मई को रात 2 बजकर 50 मिनट पर होगी और समापन 15 मई को सुबह 4 बजकर 19 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, इस बार गंगा सप्तमी 14 मई को ही मनाई जाएगी। गंगा सप्तमी का पूजन का मुहूर्त सुबह 10 बजकर 56 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।
गंगा सप्तमी के उपाय
गंगा सप्तमी के दिन गंगा स्नान के बाद माता गंगा की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करें। साथ ही बरगद या बड़ के ताजे तोड़े पत्ते पर हल्दी से स्वास्तिक बनाकर धन के स्थान जैसे तिजोरी या अलमारी में रख दें। ऐसा करने से धन में वृद्धि होती है।
गंगाजल से घर को शुद्ध करना
गंगा सप्तमी के दिन घर में गंगाजल लाना और गंगाजल से घर को शुद्ध करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर से नकारात्मक शक्तियों का अंत होता है। परिवार में सकारात्मकता कथा आती है। घर का वातावरण शुद्ध होता है। घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसके अलावा घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है।