नई दिल्ली। अमेरिका की शॉर्ट-सेलिंग फर्म Hindenburg Research की एक निगेटिव रिपोर्ट के कारण भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस गौतम अडानी (Gautam Adani) को 45 हजार करोड़ रुपये का झटका लगा है। ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक अडानी की नेटवर्थ 113 अरब डॉलर रह गई है। वह दुनिया के अमीरों की लिस्ट में चौथे नंबर पर खिसक गए हैं। Hindenburg Research की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडानी ग्रुप में सब कुछ ठीक ठाक नहीं है। ग्रुप दशकों से खुल्लम-खुल्ला शेयरों में गड़बड़ी और अकाउंट धोखाधड़ी में शामिल रहा है। हालांकि अडानी ग्रुप ने इस रिपोर्ट को झूठ का पुलिंदा बताते हुए कहा कि यह एफपीओ से पहले उसे बदनाम करने की साजिश है। अडानी ग्रुप का 20,000 करोड़ रुपये का एफपीओ शुक्रवार को खुल रहा है।
पढ़ें :- Big Expose : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच अजित पवार ने किया चौंकाने वाला खुलासा, बताया किसने गिराई MVA सरकार?
Hindenburg Research ने अब तक कई कंपनियों का पर्दाफाश किया है। इसकी स्थापना 2017 में नाथन एंडरसन (Nathan Anderson) ने की थी। यह एक फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च फर्म है जो इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव्स को एनालाइज करती है। इस कंपनी का नाम छह मई, 1937 में हुए हाई प्रोफाइल हिंडनबर्ग एयरशिप हादसे के नाम पर रखा गया है। यह दुर्घटना अमेरिका में न्यू जर्सी के मैनचेस्टर टाउनशिप में हुई थी। Hindenburg Research किसी भी कंपनी में हो रही गड़बड़ी का पता लगाती है और फिर उसके बारे में रिपोर्ट पब्लिश करती है। कंपनी के वेबसाइट में कहा गया है कि उसकी नजर मैन-मेड डिजास्टर्स पर रहती है। इनमें अकाउंटिंग में गड़बड़ी, कुप्रबंधन और अनडिस्क्लोज्ड रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शंस शामिल है। यह प्रॉफिट कमाने के लिए टारगेट कंपनी के खिलाफ बेट लगाती है।
इजरायल में एंबुलेंस ड्राइवर
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक नाथन एंडरसन ने यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टीकट (University of Connecticut) से इंटरनेशनल बिजनस में डिग्री लेने के बाद एक डेटा कंपनी FactSet Research Systems Inc में काम किया। वहां उनका काम इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट कंपनियों से जुड़ा हुआ था। साल 2020 में वॉल स्ट्रीट जर्नल को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि मुझे महसूस हुआ कि कामचलाऊ एनालिसिस हो रहा है।’ दिलचस्प बात है कि नाथन एंडरसन इजरायल में एंबुलेंस ड्राइवर का काम भी कर चुके हैं। उनका कहना है कि उन्हें भारी दबाव में काम करने में मजा आता है।
हैरी मार्कपोलोस को एंडरसन अपना रोल मॉडल मानते हैं। मार्कपोलोस एक एनालिस्ट हैं जिन्होंने बर्नी मेडॉफ (Bernie Madoff) की फ्रॉड स्कीम का पर्दाफाश किया था। Hindenburg ने सितंबर 2020 में इलेक्ट्रिक ट्रक मेकल निकोला कॉर्प (Nikola Corp) के खिलाफ बेट लगाई थी और भारी रकम जीती थी। हालांकि एंडरसन ने इस अमाउंट का खुलासा नहीं किया। उनका कहना है कि निकोला ने अपने टेक्नोलॉजिकल डेवलपमेंट के बारे में निवशकों को धोखा दिया। निकोला ने एक वीडियो में दिखाया था कि उसका इलेक्ट्रिक ट्रक पूरी रफ्तार के साथ पहाड़ी पर चढ़ गया लेकिन सच्चाई यह थी कि यह पहाड़ी से लुढ़क गया था।
पढ़ें :- अदाणी की वजह से आम आदमी का 8 लाख 50 हजार करोड़ रुपया डूबा, पीएम मोदी में जरा भी नैतिकता है तो वह अपने पद से दें इस्तीफा : संजय सिंह
अब 36 कंपनियों में हेराफेरी का कर चुके हैं भंडाफोड़
पिछले साल अमेरिका का एक जूरी ने निकोला के फाउंडर Trevor Milton को निवेशकों को धोखा देने का दोषी करार दिया था। कंपनी को मामले का निपटारा करने के लिए अमेरिका के सिक्योरिटीज और एक्सचेंज कमीशन को 12.5 करोड़ डॉलर देने पड़े थे। निकोला जून 2020 में लिस्ट हुई थी और इसका वैल्यूएशन कुछ दिन बाद 34 अरब डॉलर पहुंच गया था। इसने फोर्ड मोटर्स को भी पीछे छोड़ दिया था। अब इसकी वैल्यूएशन 1.34 अरब डॉलर रह गई है। Hindenburg का कहना है कि व्हिसलब्लोअर्स और कंपनी के पूर्व कर्मचारियों ने इस काम में उसकी मदद की।
Hindenburg 2017 से अब तक कम से कम 36 कंपनियों में संभावित गड़बड़ी का भंडाफोड़ कर चुकी है। पिछले साल इसने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर इंक पर पहले शॉर्ट और फिर लॉन्ग पोजीशन ली थी। मई में उसने कहा था कि अगर एलन मस्क 44 अरब डॉलर की डील से मुकरते हैं तो कंपनी के शेयरों में गिरावट आ सकती है। जुलाई में एंडरसन ने लॉन्ग पोजीशन लेते हुए मस्क के खिलाफ बेट लगाई थी। अक्टूबर में मस्क ने यह डील ओरिजनल कीमत पर पूरी की। अगर आपके पास किसी कंपनी के शेयर हैं और आप उसके बढ़ने की उम्मीद करते हैं तो इसे लॉन्ग पोजीशन कहा जाता है। दूसरी ओर अगर आप किसी शेयर के भविष्य में गिरने की आशंका रखते हैं और उन्हें अपने नाम पर ट्रांसफर होने से पहले ही बेच देते हैं तो इसे शॉर्ट पोजीशन कहते हैं।