नईदिल्ली। केंद्र सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की शुरुआत एक मार्च से करने जा रही है, इस योजना की शुरुआत नवंबर 2015 में हुई थी, इसका मकसद भौतिक रूप से सोने की मांगों में कमी लाना है, यानी कि इस योजना में लोग ज्वेलरी के बदले गोल्ड बॉन्ड खरीद सकते हैं। कोरोना संकट के दौरान अगस्त में सोने की कीमत भारत में 56,200 रुपये तक चली गई थी, जिसमें अब तक करीब 8000 रुपये की गिरावट आई है।
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अगर आप सोने में निवेश के लिए सोच रहे हैं तो फिर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में पैसे लगा सकते हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की 12वीं सीरीज 1 मार्च से ओपन हो रही है और 5 मार्च तक आप इसमें निवेश कर पाएंगे, सबसे खास बात यह है कि इस बार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की कीमत 10 महीने में सबसे कम है।
भारतीय रिजर्व बैंक की सीमाएं
भारतीय रिजर्व बैंक ने इस बार गोल्ड सब्सक्रिप्शन की कीमत 4,662 रुपये प्रति ग्राम तय की है, हर बार की तरह इस बार भी ऑनलाइन आवेदन करने वाले निवेशकों को बॉन्ड की तय कीमत पर प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट दी जाएगी, यानी डिजिटल भुगतान करने पर एक ग्राम सोने के लिए 4612 रुपये पेमेंट करना होगा, फिजिकल गोल्ड की बजाए गोल्ड बॉन्ड को मैनेज करना आसान और सेफ होता है।
सरकारी गोल्ड बॉन्ड की कीमत बाजार में चल रहे सोने के रेट से कम होती है, बॉन्ड के तौर पर आप सोने में न्यूनतम एक ग्राम और अधिकतम चार किलो तक निवेश कर सकते हैं, ट्रस्ट और वित्तीय वर्ष के समान इकाइयों के मामले में निवेश की ऊपरी सीमा 20 किलोग्राम है, इसपर टैक्स भी छूट मिलती है, इसके अलावा स्कीम के जरिए बैंक से लोन भी लिया जा सकता है। गोल्ड बॉन्ड में किसी तरह की धोखाधड़ी और अशुद्धता की संभावना नहीं होती है, ये बॉन्ड्स 8 साल के बाद मैच्योर होंगे। पांच साल के बाद इससे बाहर निकलने का विकल्प भी होता है।