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Good Friday 2023: जानिए गुड फ्राइडे को ‘हैप्पी डे’ क्यों नहीं माना जाता ?

By अनूप कुमार 
Updated Date

Good Friday 2023 : ईसाई धर्म का पालन करने वालों के लिए, गुड फ्राइडे महान धार्मिक महत्व का दिन है। यह ईसा मसीह की मृत्यु और पुनरुत्थान की याद में मनाया जाता है। इसे भारत में सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजनों में से एक माना जाता है। हालाँकि, गुड फ्राइडे के रूप में जाने जाने के बावजूद, यह खुशी का दिन नहीं है। इसलिए, इस दिन लोगों को ‘हैप्पी गुड फ्राइडे’ की शुभकामना देने से परहेज करने की सलाह दी जाती है।

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आज यानी 7 अप्रैल को देशभर में धूमधाम से गुड फ्राइडे मनाया जा रहा है। गुड फ्राइडे ईसाई धर्म(Christianity) का प्रमुख त्योहार है। ईस्टर रविवार से तीन दिन पहले हर साल गुड फ्राइडे मनाया जाता है। ईसाई इस दिन को काले दिवस के रूप में मनाते हैं, क्योंकि इसी दिन ईसा मसीह को यातनाएं (torture of jesus christ)देकर सूली पर चढ़ाया गया था। इस दिन ईसाई समुदाय के लोग काले रंग के कपड़े पहनकर ईसा मसीह के बलिदान पर शोक मनाते हैं। इस दिन चर्चों में घंटा नहीं बजाया जाता है, बल्कि इसकी जगह लकड़ी के खटखटे बजाए जाते हैं। व्रत के बाद ईसाई मीठी रोटी बनाकर खाते हैं और इसे बांटते भी हैं।

यहूदी धार्मिक अधिकारी यीशु के कथनों से नाराज थे, इसलिए उन्होंने उसे रोमियों के सामने पेश किया। रोम के गवर्नर पोंटियस पिलाट ने ईसा मसीह को फांसी देने का आदेश दिया था। उनके एक अनुयायी, यहूदा ने उन्हें रोमन सैनिकों द्वारा गिरफ्तार कर लिया, और इनाम के रूप में उन्हें चांदी के 30 टुकड़े दिए गए।

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