नई दिल्ली। यदि आप कम लागत में बिजनेस की योजना बना रहे हैं तो केंद्र सरकार बेहतरीन अवसर दे रही है। इस बिजनेस में आपकी कमाई भी बहुत होगी। दरअसल, केंद्र सरकार पीएम भारतीय जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए जनता को प्रोत्साहित कर रही है। सरकार ने मार्च 2024 तक पीएम भारतीय जनऔषधि केंद्रों के आंकड़े को बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य रखा है। यदि आप भी करना चाहते हैं कम लागत में मोटी कमाई वाला व्यवसाय तो आपके लिए ये बेहतरीन अवसर है। यहां आपको बता रहे हैं इस बिजनेस के बारे में विवरण में।
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ऐसे होती है कमाई
जनऔषधि केंद्र के व्यवसाय में कमाई अच्छी होती है। इसे खोलने पर दवा की बिक्री पर 20 फीसदी मार्जिन दुकान चलाने वालों को दिया जाता है। इतना ही नहीं, इसमें नॉर्मल तथा विशेष इंसेंटिव का भी प्रावधान है। सामान्य इंसेंटिव के तौर पर सरकार दवा की दूकान खोलने में आने वाले खर्च को वापस लौटा देती है।
नॉर्मल और स्पेशल इंसेंटिव
जन औषधि केंद्र खोलने के लिए दुकान में फर्नीचर पर लगभग 1।5 लाख रुपए तक का खर्च आता है। वहीं, कंप्यूटर तथा फ्रिज में 50 हजार रुपए तक का खर्च आता है। इस राशि को मंथली बेसिस पर ज्यादातर 15 हजार रुपए के तौर पर तबतक वापस किया जाता है, जबतक कि 2 लाख रुपए की राशि पूरी न हो जाए। इस इंसेंटिव को मंथली परचेज का 15 फीसदी या 15000 में जो ज्यादा हो, के आधार पर दिया जाता है।
कौन खोल सकता है जनऔषधि केंद्र
जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए सरकार ने तीन श्रेणी बनाई है। प्रथम श्रेणी में कोई भी शख्स, बेरोजगार फार्मासिस्ट, कोई डॉक्टर अथवा रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर जन औषधि केंद्र खोलने का पात्र होता है। वहीं, दूसरी श्रेणी में ट्रस्ट, एनजीओ, प्राइवेट अस्पताल, स्वयं सहायता समूह वाले आते हैं। तथा तीसरी श्रेणी में राज्य सरकारों की ओर से नॉमिनेट की गई एजेंसियों को अवसर प्राप्त होता है।
यहां से डाउनलोड करें फॉर्म
जन औषधि केंद्र आपको लाभ वाले व्यवसाय का बेहतरीन अवसर दे रहा है। इसमें आप कम लागत में ज्यादा कमाई कर सकते हैं। इसके लिए आपको सबसे पहले ‘रिटेल ड्रग सेल्स’ का लाइसेंस जनऔषधि केंद्र के नाम से लेना होता है। इसके लिए आप अधिकृत पोर्टल https://janaushadhi.gov.in/ से फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं। फॉर्म डाउनलोड करने के पश्चात् आपको आवेदन ब्यूरो ऑफ फॉर्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया के जनरल मैनेजर (A&F) के नाम से भेजना होगा।
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