लखनऊ। मदनमोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर (Madan Mohan Malaviya Technological University Gorakhpur) में फोरमैन इंस्ट्रक्टर (Foreman Instructor) की नियुक्ति में फर्जीवाड़े का प्रकरण संज्ञान में आया है। यह फर्जीवाड़ा वर्ष 2018 में विश्वविद्यालय फोरमैन इंस्ट्रक्टर पद की भर्ती प्रक्रिया के दौरान किया गया था। मिली जानकारी के अनुसार यह पद 4200 ग्रेड पे में सृजित किया गया था।
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सूत्र बताते हैं कि उत्तर प्रदेश शासन (Government of Uttar Pradesh) के शासनादेश के क्रम में 4200 ग्रेड पे तक के सभी पद अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से भरे जाने चाहिए, किन्तु विश्वविद्यालय में उक्त पद को 4600 ग्रेड पे में प्रदर्शित कर भर्ती की प्रक्रिया पूर्ण किये जाने का मामला संज्ञान में आ रहा है। आरोप है कि ग्रेड पे में गड़बड़ी इसलिए की गयी कि फोरमैन इंस्ट्रक्टर के पद पर नियुक्ति की प्रक्रिया विश्वविद्यालय स्तर से की जा सके।
प्राविधिक शिक्षा विभाग (technical education department), उत्तर प्रदेश शासन ने वर्ष 2016 में 21 शिक्षकों और 16 अधिकारियों और कर्मचारियों के पद सृजित किये गये थे, जिसमें फोरमैन इंस्ट्रक्टर का पद 4200 ग्रेड पे में सृजित किया गया था। इस फर्जीवाड़े का खुलासा (Disclosure of fraud) होने के बाद वर्तमान कुलपति प्रो. जेपी पाण्डेय (Vice Chancellor Prof. JP Pandey) ने एक फैक्ट फाइंडिंग समिति (fact finding committee) का गठन कर दिया है। जो इस प्रकरण की विवेचना कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।