लखनऊ। खेलों में भी यूपी की अब अलग पहचान बन चुकी है। पदक लाने वाले खिलाड़ियों को योगी सरकार में यहां भी राजपत्रित अधिकारी के रूप में नौकरी मिल रही है। सीएम योगी की निष्पक्ष कार्यप्रणाली व अपनी खेलों-प्रतिभा की बदौलत यूपी की माटी की महक दुनिया में महकाने वाले खिलाड़ियों को निष्पक्ष व पारदर्शी तरीके से नौकरी मिली। यूपी के खिलाड़ी हों या राज्य से बाहर के, सिर्फ और सिर्फ खेल में प्रदर्शन ही उनके चयन का आधार बना। नियुक्ति पत्र पाने वाले 233 आरक्षियों ने सीएम योगी के नेतृत्व में हुई निष्पक्ष व पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया की न सिर्फ सराहना की, बल्कि विश्वास भी दिलाया कि नौकरी के जरिए जरूरतमंदों को न्याय दिलाएंगे और खेल के जरिए यूपी का मान बढ़ाएंगे। आंध्र प्रदेश, केरल, राजस्थान, कर्नाटक, गुजरात, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, हरियाणा आदि राज्यों के खिलाड़ी भी यूपी का हिस्सा बने।
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जुलाई में भी 227 आरक्षियों को खेल कोटे से मिला था नियुक्ति पत्र
सीएम योगी आदित्यनाथ ने लगातार दो महीने (जुलाई व अगस्त) खेल कोटे से आरक्षियों को नियुक्ति पत्र देकर यूपी पुलिस की नौकरी से जोड़ा। 23 अगस्त को मुख्यमंत्री ने लोकभवन में उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड द्वारा कुशल खिलाड़ी कोटे में चयनित 233 आरक्षियों को नियुक्ति पत्र दिया तो इसके पहले 8 जुलाई को भी मुख्यमंत्री ने 227 आरक्षियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया था। यही नहीं, 6 जुलाई को भी मुख्यमंत्री ने खेल के इतर लोकभवन में उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड द्वारा चयनित 1148 पदों पर नियुक्ति पत्र दिया था।
बोले नवचयनित
यूपी में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं हुआ
हरियाणा निवासी जतिन जूडो के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं। साउथ अफ्रीका में हुए कॉमनवेल्थ जूडो चैंपियनशिप-2023 जतिन ने स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने कहा कि खेल कोटे से उन्हें नौकरी मिली। यूपी में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं हुआ। इससे अच्छे खिलाड़ियों को आगे आने का मौका मिला। विश्वास दिलाते हैं कि यूपी के खिलाड़ी आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निरंतर मेडल लाएंगे।
योगी जैसी सरकार किसी प्रदेश में नहीं
नवचयनित राजस्थान के मूल निवासी दिनेश चौधरी ने कहा कि योगी जैसी सरकार किसी प्रदेश में नहीं है। निष्पक्ष भर्ती हुई है और सबके सामने पारदर्शिता से कार्य हुआ है। भेदभाव जैसी चीज यहां बिल्कुल भी नहीं है। हमें सिर्फ और सिर्फ अपने चयन के आधार पर ही नौकरी मिली। यह बड़ी बात है। प्रदर्शन ही चयन का मानक बना तो यह सिर्फ योगीराज में ही संभव है।
पदक लाते रहेंगे, मान बढ़ाते रहेंगे
यूपी के देवरिया निवासी रोइंग खिलाड़ी शोभित पांडेय ने कहा कि निष्पक्ष भर्ती के कारण ही अच्छे खिलाड़ी निकलकर आए हैं। अब हमारी जिम्मेदारी है कि यूपी के लिए पदक लाने के साथ लोगों को न्याय मिले। हम यूपी के लिए निरंतर खेलों में पदक लाते रहेंगे और अपने गांव-प्रदेश का नाम बढ़ाते रहेंगे। सीएम योगी युवाओं के स्वावलंबन और उनकी प्रतिभा का लाभ यूपी को मिले, इसके लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं।
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हर खेलों में यूपी के लिए आएंगे पदक
उत्तराखंड की रहने वालीं खिलाड़ी तनु मलिक ने कहा कि भर्ती के माध्यम से सभी को एकत्र किया गया। जिस प्रकार खेलों में हम सभी ने अभी तक प्रदर्शन किया। कोशिश रहेगी कि विभिन्न खेलों के खिलाड़ी आने वाले समय में भी उसी प्रकार प्रदर्शन कर पदक लाकर यूपी का गौरव बढ़ाते रहें। यह सत्य है कि यूपी में निष्पक्ष व पारदर्शी प्रक्रिया के तहत ही युवाओं को रोजगार से जोड़ा जा रहा है।